न्यूनतम समर्थन मूल्य 2024: भारतीय किसानों के लिए दलहन और तिलहन की बुआई सबसे फायदेमंद!
29 जून 2024, नई दिल्ली: न्यूनतम समर्थन मूल्य 2024: भारतीय किसानों के लिए दलहन और तिलहन की बुआई सबसे फायदेमंद! – भारत सरकार ने विपणन सत्र 2024-25 के लिए खरीफ की प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है। इस वर्ष के एमएसपी में वृद्धि ने विशेष रूप से दलहन और तिलहन की फसलों को अधिक लाभकारी बना दिया है। इन फसलों की बुआई अब किसानों के लिए सबसे फायदेमंद साबित होगी।
दलहन और तिलहन की नई एमएसपी दरें (रुपये प्रति क्विंटल):
फसल | 2020-21 | 2021-22 | 2022-23 | 2023-24 | वृद्धि | 2024-25 |
अरहर | 6000 | 6300 | 6600 | 7000 | 550 | 7550 |
मूंग | 7196 | 7275 | 7755 | 8558 | 124 | 8682 |
उड़द | 6000 | 6300 | 6600 | 6950 | 450 | 7400 |
सोयाबीन | 3880 | 3950 | 4300 | 4600 | 292 | 4892 |
रामतिल | 6695 | 6930 | 7287 | 7734 | 983 | 8717 |
दलहन की बुआई
तुअर (अरहर)
तुअर की एमएसपी में 8% की वृद्धि के साथ, अब इसका एमएसपी 7550 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। तुअर दाल प्रोटीन का महत्वपूर्ण स्रोत है और इसकी उच्च मांग बनी रहती है। तुअर दाल नकदी फसल है जो की 110 से 130 दिनों के भीतर तैयार हो जाती है।
अरहर/तुअर दाल की एमएसपी में वृद्धि से देश में दालों की उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और आयात पर निर्भरता कम होगी। यह प्रोटीन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और पोषण सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
मूंग
मूंग की एमएसपी में 124 रुपये की वृद्धि हुई है, जिससे इसका नया एमएसपी 8682 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। मूंग एक प्रमुख दलहन फसल है और इसका उत्पादन 75 से 90 दिनों की अवधी में होता है, जिससे किसानों को त्वरित लाभ की उम्मीद रहती है।
मूंग का उत्पादन बढ़ने से किसानों को बेहतर लाभ मिलेगा और यह पोषण सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।
उड़द
उड़द की एमएसपी में 450 रुपये की वृद्धि के साथ, अब इसका एमएसपी 7400 रुपये प्रति क्विंटल है। उड़द की दाल का उपयोग व्यापक रूप से होता है और यह प्रोटीन का अच्छा स्रोत है। इसका उत्पादन 70 से 85 दिनों की अवधी में होता है। इसकी बुआई से किसानों को आर्थिक लाभ मिलेगा।
तिलहन की बुआई
सोयाबीन
सोयाबीन की एमएसपी में 292 रुपये की वृद्धि के साथ, इसका नया एमएसपी 4892 रुपये प्रति क्विंटल है। सोयाबीन का उत्पादन मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, और राजस्थान में होता है और यह किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है। इसका तेल और अन्य उत्पादों के लिए उच्च मांग बनी रहती है।, जिससे किसानों को अच्छे मूल्य मिलते हैं।
रामतिल (नाइजरसीड)
रामतिल की एमएसपी में 12.7% की वृद्धि हुई है, जो कि सभी खरीफ फसलों में सबसे अधिक है। इसका नया एमएसपी 8717 रुपये प्रति क्विंटल है। रामतिल एक महत्वपूर्ण तिलहन फसल है और जो मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और झारखंड जैसे राज्यों में उगाई जाती है। इसकी उच्च तेल सामग्री और कृषि संबंधी लाभों के कारण इसकी मांग बनी रहती है। सरकार ने किसानों को प्रोत्साहित करने और तेलहनों के उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रामतिल के एमएसपी में यह अभूतपूर्व वृद्धि की है।
केंद्र सरकार ने एमएसपी में वृद्धि के साथ ही किसानों के लिए कई अन्य योजनाएं भी लागू की हैं, जैसे कि सस्ते ऋण, कृषि यंत्रों पर सब्सिडी और फसल बीमा योजनाएं। इन सभी उपायों का उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाना है।
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