राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

श्री अन्न वर्ष 2022-23 में घटा मिलेट का उत्पादन

18 मार्च 2023, नई दिल्ली: श्री अन्न वर्ष 2022-23 में घटा मिलेट का उत्पादन – सरकार और कृषि मंत्रालय श्री अन्न (मिलेट्स) के उत्पादन को बढ़ाने के लिए की समय-समय पर काफी सारी योजनाओ व नीतियों को गठन कर रही हैं। इसके अलावा किसानों को मिलेट्स की खेती करने के लिए प्रोत्साहित भी कर रही हैं, लेकिन फिर भी सरकार की इतनी कोशिशों के बाद भी मिलेट्स का उत्पादन पिछले पांच वर्षों की तुलना में घटा हैं। वर्ष 2017-18 में श्री अन्न का कुल उत्पादन 164.36 लाख टन था और अब वर्ष 2022-23 में श्री अन्न का उत्पादन घट कर 159.09 लाख टन रह गया हैं।

कुछ राज्यों में श्री अन्न का उत्पादन बढ़ा अवश्य है  लेकिन पूरे देश में श्री अन्न की उत्पादकता और उत्पादन में गिरावट आई   हैं।

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पिछले पांच वर्षो के दौरान देश में कुल मिलेट उत्पादन का राज्य-वार विवरण नीचे सारणी में दिया गया हैं- कुल मिलेट (ज्वार, बाजरा, रागी और छोटा बाजरा) (लाख टन में )

राज्य/संघ2017-182018-192019-202020-212021-222022-23
आंध्रप्रदेश4.453.025.145.413.593.53
गुजरात11.16109.910.9211.793.98
हरियाणा7.46910.3513.6711.3210.75
कर्नाटक27. 3917.6225.5625.6920.5422.39
मध्यप्रदेश14.698.518.9610.2411.8111.72
महाराष्ट्र24.0313.1924.2925.1423.0519.59
राजस्थान40.6242.8851.4751.5642.855.02
तमिलनाडु9.278.7310.179.057.657.61
तेलंगाना0.840.721.391.661.230.96
उत्तरप्रदेश20.1519.6721.7222.9822.2620.05
उत्तराखंड2.171.81.912.0121.82
अन्य2.061.961.751.881.951.68
कुल164.36137.11172.61180.21160159.09
श्री अन्न वर्ष 2022-23 में घटा मिलेट का उत्पादन
मिलेट उत्पादन बढ़ाने के लिए चलाए जा रहे उप-मिशन

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने लोकसभा में बताया  कि मिलेट के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कृषि मंत्रालय 2018-19 से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएस) के तहत उत्तर प्रदेश , महाराष्ट्र एंव मध्यप्रदेश राज्य सहित 14 राज्यों के 212 जिलों में पोषक अनाज (मिलेट) पर एक उप-मिशन चला  रहा हैं।

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एनएफएसएस-पोषक अनाज के तहत, फसल उत्पादन और संरक्षण प्रौद्योगिकयों, फसल प्रणाली  आधारित प्रर्दशनों, नई जारी किस्मों व संकरों के प्रमाणित बीजों का उत्पादन – वितरण, फसल मौसम के दौरान प्रशिक्षण के द्वारा  किसानों को श्री अन्न की खेती के फायदे और लाभों की जानकारी दी जाती हैं। इसके अलावा मीडिया के माध्यम से  भी किसानों को श्री अन्न की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाता हैं। कृषि विभाग द्वारा  पोषक अनाजों के लिए किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन , पोषक अनाजों के लिए उत्कृष्टता कैंद्र (सीओई) और सीड हब की स्थापना के लिए भी एनएफएसएम के तहत सहायता प्रदान की जाती हैं।

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भारत सरकार अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष (आईवाईएम)- 2023 में  उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने, खपत, निर्यात, मूल्य श्रृंखला को मजबूत करने ब्रांडिंग, स्वास्थ्य लाभ के लिए जागरूकता लाने के लिए कई रणनीतियों पर काम कर रही हैं। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्रालय, राज्य सरकारों और भारतीय दूतावासों द्वारा उत्पादन और मांग बढ़ाने के लिए मिलेट्स के संबंध में जागरूकता लाने संबंधी मासिक गतिविधि के लिए वार्षिक कार्य योजना तैयार की गई हैं।

इसके अलावा, सरकार किसानों को लाभकारी मूल्य दिलवाने  के लिए बाजरा और रागी जैसे मिलेट्स के लिए न्यूतम सर्मथन मूल्य भी निर्धारित किए हैं।

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