राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

गृह मंत्रालय CAPFs और NDRF कर्मियों के भोजन में मिलेट (श्री अन्न) को शामिल करेगा 

अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष -2023

04 मई 2023, नई दिल्ली: गृह मंत्रालय CAPFs और NDRF कर्मियों के भोजन में मिलेट (श्री अन्न) को शामिल करेगा – अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष -2023 को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) कर्मियों के भोजन में मिलेट (श्री अन्न) को शामिल करने का फ़ैसला लिया है। यह निर्णय सभी बलों के साथ गहन चर्चा के बाद केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के भोजन में 30% मिलेट (श्री अन्न) शामिल किया गया है। 

श्री अन्न स्वास्थ्य के लिए अच्छा, किसानों के लिए फायदेमंद और पर्यावरण के अनुकूल माना जाता है। श्री अन्न ऊर्जा से भरपूर, सूखा प्रतिरोधी, कम पानी की आवश्यकता वाली शुष्क मिट्टी एवं पहाड़ी इलाकों में भी आसानी से उपजायी जा सकती है और यह कीट आदि के प्रकोप से भी तुलनात्मक रूप से  सुरक्षित है। श्री अन्न – प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत, ग्लूटेन मुक्त, कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) और डाइटरी फाइबर, कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस आदि सहित सूक्ष्म पोषक तत्वों और फाइटो-केमिकल्स से भरपूर होता है  जिससे यह सैनिकों और सुरक्षा बल कर्मियों के लिए समग्र पौष्टिक आहार का काम करता है। 

गृह मंत्रालय ने सभी बलों को श्री अन्न पर आधारित मेन्यू की शुरुआत करने की प्रक्रिया शुरु करने का निर्देश दिया है और बलों ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के विभिन्न अवसरों और समारोहों आदि में भी श्री अन्न का व्यापक उपयोग किया जाएगा।

श्री अन्न के उपयोग को बढ़ाने के लिये इसकी उपलब्धता केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार, बलों के परिसर की किराना दुकानों और राशन स्टोर में अलग काउंटर के माध्यम से सुनिश्चित की जाएगी। इसके साथ ही बलों द्वारा मिलेट व्यंजन बनाने वाले प्रतिष्ठित संस्थानों के माध्यम से श्री अन्न आधारित व्यंजन तैयार करने के लिए रसोइयों को भी ट्रेनिंग दी जाएगी।

श्री अन्न के उपयोग के लिए बलों के कर्मियों और उनके परिवार के बीच जागरूकता पैदा करने के लिये आहार विशेषज्ञों और विशेषज्ञ एजेंसियों की सेवाओं का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा, ‘अपने श्री अन्न को जानें’ विषय पर जागरूकता के लिये विभिन्न कार्यक्रम, प्रदर्शनियां, सेमिनार, वेबिनार, कार्यशालाएं और संगोष्ठियों का आयोजन भी किया जायेगा । 

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