गेहूँ उपार्जन में मध्यप्रदेश पूरे देश में प्रथम स्थान पर पहुँचा
गेहूँ उपार्जन में मध्यप्रदेश पूरे देश में प्रथम स्थान पर पहुँचा
14 लाख 19 हजार किसानों के खातों में डाले 20 हजार करोड़
15 जून 2020, भोपाल। गेहूँ उपार्जन में मध्यप्रदेश पूरे देश में प्रथम स्थान पर पहुँचा – समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन में मध्यप्रदेश देश में प्रथम स्थान पर पहुँच गया है। मध्यप्रदेश में अभी तक 1 करोड़ 27 लाख 67 हजार 628 मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन किया गया है। पंजाब दूसरे स्थान पर है। देश के सभी राज्यों द्वारा कुल उपार्जन गेहूँ का 33 प्रतिशत मध्यप्रदेश में उपार्जन किया गया है। पूरे देश में 3 करोड़ 86 लाख 54 हजार मीट्रिक टन गेहँ का उपार्जन किया गया है। गत वर्ष की तुलना में मध्यप्रदेश में गेहूँ उपार्जन में 74 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
पिछले वर्ष मध्यप्रदेश में 73.69 लाख गेहूँ का उपार्जन समर्थन मूल्य पर किया गया था। राज्य सरकार द्वारा गेहूँ उपार्जन की राशि सीधे किसानों के खातों में औसतन 7 दिवस में अंतरित की गई। अभी तक 14 लाख 19 हजार किसानों के खातों में 20 हजार 253 करोड़ की राशि भेजी जा चुकी है।
मध्यप्रदेश सरकार ने गेहूँ उपार्जन के लिए प्रभावी रणनीति बनाई।
पिछले वर्ष किये गये उपार्जन से बढ़कर 100 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित करते हुए बारदानों और भण्डारण की व्यवस्था की गई। कोरोना की विषम परिस्थिति के कारण उपार्जन कार्य देर से 15 अप्रैल से शुरू किया गया। सरकार इस बात के लिए सचेत थी कि मंदी और आवागमन बाधित होने के कारण किसानों से पिछले वर्ष की अपेक्षा कही ज्यादा उपार्जन कम अवधि मे करना होगा।
25 लाख मीट्रिक टन के लिए की गई बारदानों की व्यवस्था
लॉकडाउन के बावजूद 25 लाख मीट्रिक टन के लिए अतिरिक्त बारदानों की व्यवस्था की गई। लॉकडाउन में ही कार्य करते हुए 10 लाख मीट्रिक टन के लिए भंडारण की अतिरिक्त व्यवस्था की गई।
सबसे बड़ी चुनौती ज्यादा किसानों से कम अवधि में ज्यादा उपार्जन करना था। इसके लिए पिछले वर्ष उपार्जन केन्द्रों की संख्या 3 हजार 545 को बढ़ाकर 4 हजार 529 केन्द्र खोले गये। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए किसानों को एसएमएस भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई ताकि एसएमएस प्राप्त किसान ही खरीदी केन्द्र पहुँचें। किसानों को कोरोना के प्रति सजग रहने और अन्य जानकारी देने के लिए 75 लाख एसएमएस भेजे गए।
कुल उपार्जित गेहूँ में से 118 लाख मीट्रिक टन का परिवहन कर सुरक्षित भंडारण किया जा चुका है, जो कि खरीदी मात्रा का लगभग 95 प्रतिशत है। इस बार जितने किसानों ने पंजीयन कराया था उनमें से 81 प्रतिशत गेहूँ बेचने के लिए उपार्जन केन्द्रों पर आयें, जो अपने आप में एक रिकार्ड है। पिछले वर्ष किसानों का टर्न आउट 48.36 प्रतिशत था जो इस बार 81 प्रतिशत रहा है। यह अभी तक का सर्वाधिक टर्न आउट है। इस बार एक और महत्वपूर्ण बात हुई है।