भारत-जर्मनी के बीच कृषि क्षेत्र में साझेदारी मजबूत करने की पहल
16 जनवरी 2025, नई दिल्ली: भारत-जर्मनी के बीच कृषि क्षेत्र में साझेदारी मजबूत करने की पहल – जर्मनी के राजदूत डॉ. फिलिप एकरमैन ने मंगलवार को कृषि भवन में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी से मुलाकात की। इस बैठक का उद्देश्य कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के नए अवसर तलाशना था। चर्चा के दौरान कटाई के बाद की तकनीक, जैविक और प्राकृतिक खेती, और कृषि मशीनीकरण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचार किया गया।
डॉ. चतुर्वेदी ने भारत और जर्मनी के बीच दीर्घकालिक साझेदारी को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी), समझौता ज्ञापन (एमओयू), और संयुक्त आशय घोषणा (जेडीआई) जैसी पहलों के माध्यम से द्विपक्षीय संबंधों को और बेहतर बनाया जा सकता है। उन्होंने डिजिटल कृषि और त्रिकोणीय विकास सहयोग का भी जिक्र किया, जिसकी हाल ही में आईजीसी बैठक के दौरान चर्चा हुई थी।
बैठक में प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा देकर मृदा स्वास्थ्य और उत्पादकता सुधारने पर जोर दिया गया। साथ ही, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को मजबूत करने, टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने, और बीज क्षेत्र के विकास पर भी चर्चा हुई। डिजिटल कृषि में प्रगति और क्षमता निर्माण को प्राथमिकता देते हुए खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों में निवेश बढ़ाने और बागवानी उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहित करने की संभावनाओं पर भी विचार किया गया।
भारत-जर्मनी सहयोग पर सहमति
चर्चा के दौरान दोनों पक्षों ने कृषि नवाचार, व्यापार, और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग को गहरा करने की प्रतिबद्धता जताई। यह साझेदारी दोनों देशों के लिए लाभकारी परिणाम देने पर केंद्रित होगी।
बैठक में जर्मनी की ओर से मंत्री के काउंसलर श्री एलेक्जेंडर कैलेगारो और काउंसलर श्रीमती इंगेबोर्ग बेयर शामिल थे। भारतीय पक्ष का नेतृत्व अपर सचिव (डीए एंड एफडब्ल्यू) डॉ. पी.के. मेहरदा ने किया। उनके साथ कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, और भारतीय मृदा और भूमि उपयोग सर्वेक्षण (एसएलयूएसआई) के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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