2025-26 की पहली तिमाही में भारत की कृषि विकास दर में 3.7% की बढ़त, शिवराज बोले- ये किसानों की मेहनत का फल
16 सितम्बर 2025, नई दिल्ली: 2025-26 की पहली तिमाही में भारत की कृषि विकास दर में 3.7% की बढ़त, शिवराज बोले- ये किसानों की मेहनत का फल – 2025-26 की पहली तिमाही में भारत के कृषि क्षेत्र ने 3.7 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की है, जो वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक मानी जा रही है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को किसानों की कड़ी मेहनत और सरकार की किसान-हितैषी नीतियों का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि यह वृद्धि पिछले वर्ष की इसी अवधि में दर्ज 1.5 प्रतिशत की तुलना में काफी बेहतर है और यह भारत की कृषि क्षेत्र की मजबूत प्रगति को दर्शाता है। कृषि मंत्रालय के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में शिवराज ने ‘एक राष्ट्र, एक कृषि और एक टीम’ के विषय पर जोर देते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र में समन्वित प्रयासों और साझेदारी से ही देश के किसानों को नई ऊंचाइयां मिल सकती हैं।
नकली कृषि सामग्री के प्रति शून्य सहिष्णुता
कृषि मंत्री ने नकली कृषि सामग्री के खिलाफ सरकार की कड़े रुख पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि नकली उर्वरक, बीज और कीटनाशकों के उत्पादन और बिक्री को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके निर्माताओं और विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की ठगी से बचाया जा सके। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों के हित में केंद्र और राज्य सरकारें एकजुट होकर काम कर रही हैं और इस दिशा में लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कृषि अनुसंधान को सिर्फ अकादमिक क्षेत्र तक सीमित न रखते हुए, किसानों की वास्तविक समस्याओं का समाधान करने पर जोर दिया।
‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’अक्टूबर तक चलेगा
कृषि मंत्री ने घोषणा की कि अक्टूबर महीने में केंद्र और राज्य सरकारों की संयुक्त भागीदारी से ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ फिर से शुरू किया जाएगा। इसका उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से अवगत कराना, कृषि विस्तार सेवाओं को मजबूत करना और फसल बीमा को प्रभावी बनाना है। शिवराज ने राज्य सरकारों, कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्रों से आग्रह किया कि वे स्थानीय स्तर पर ठोस रणनीतियां बनाएं और उन्हें किसानों तक पहुंचाएं। उन्होंने किसानों को मौसम के अनुसार फसल बीमा करवाने की भी सलाह दी ताकि वे अनिश्चितताओं से बच सकें।
कृषि मंत्री ने दलहन के घटते रकबे पर जताई चिंता
राष्ट्रीय सम्मेलन में खरीफ सीजन में दलहन की खेती के घटते रकबे को लेकर भी गंभीर चिंता व्यक्त की गई। शिवराज सिंह चौहान ने कर्नाटक में अरहर की फसल के घटते रकबे पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि ‘कैसा दलहन मिशन है जो खेती के क्षेत्र को बढ़ाने की बजाय घटा रहा है?’ उन्होंने अफसरों को स्पष्ट निर्देश दिए कि केवल नारे लगाने से काम नहीं चलेगा, बल्कि ठोस और व्यवहारिक रणनीति बनानी होगी। मंत्री ने चेतावनी दी कि यदि तिलहन के क्षेत्र में भी यही रवैया बना रहा, तो भारत खाद्य तेल और दालों के लिए हमेशा आयात पर निर्भर रहेगा। उन्होंने कहा, “आत्मनिर्भर भारत तभी संभव होगा जब हम अपनी खेती में सुधार करें और आयात पर निर्भरता कम करें।”
कृषि क्षेत्र की व्यापक तैयारियां और लक्ष्य
सम्मेलन में रबी 2025-26 सीजन के लिए तैयारियों, उत्पादन लक्ष्यों और व्यापक रणनीतियों पर भी चर्चा हुई। कृषि पारिस्थितिकी तंत्र के प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाकर किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों का सामूहिक समाधान निकालने पर बल दिया गया। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि अनुसंधान को किसानों की जरूरतों के अनुरूप बनाना होगा ताकि नई तकनीकें और नवाचार सीधे खेतों तक पहुंच सकें। उन्होंने सरकार की प्राथमिकता को किसानों के कल्याण पर आधारित बताया और आश्वासन दिया कि सरकार हर स्तर पर उनकी सहायता करती रहेगी।
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