राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

बिचौलियों से छुटकारा! ई-नाम से सीधे उपज बेच रहे किसान, तेजी से बढ़ा ऑनलाइन कारोबार

26 जुलाई 2025, नई दिल्ली: बिचौलियों से छुटकारा! ई-नाम से सीधे उपज बेच रहे किसान, तेजी से बढ़ा ऑनलाइन कारोबार – 30 जून 2025 तक, देशभर की 1522 कृषि मंडियों को राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) पोर्टल के साथ जोड़ा जा चुका है। यह कदम किसानों को अपनी उपज बिना बिचौलियों के, सीधे खरीदारों को बेचने की सुविधा देता है। ई-नाम के जरिए ऑनलाइन और पारदर्शी व्यापार प्रणाली को बढ़ावा मिल रहा है।

कितने किसान, व्यापारी और एफपीओ जुड़े

अब तक ई-नाम प्लेटफॉर्म पर- 1,79,41,613 किसान, 2,67,719 व्यापारी और 4,518 किसान उत्पादक संगठन (FPO) पंजीकृत हो चुके हैं। इन आंकड़ों से यह साफ है कि देशभर के किसान अब इस डिजिटल व्यवस्था का फायदा उठा रहे हैं।

 4.39 लाख करोड़ का हुआ व्यापार

अब तक ई-नाम प्लेटफॉर्म के माध्यम से ₹4,39,941 करोड़ रुपए मूल्य की कृषि उपज का ऑनलाइन व्यापार किया जा चुका है। यह दर्शाता है कि ई-नाम ने कृषि उपज व्यापार में एक डिजिटल क्रांति ला दी है।

क्या है ई-नाम की खासियत

1. किसान सीधे अपनी उपज ऑनलाइन बेच सकते हैं
2. बिचौलियों की भूमिका खत्म होती है
3. बेहतर मूल्य निर्धारण और पारदर्शिता सुनिश्चित होती है
4. ई-भुगतान प्रणाली से समय पर भुगतान मिलता है
5. गुणवत्ता ग्रेडिंग और प्रतिस्पर्धी बोली की सुविधा भी उपलब्ध है

इन सुविधाओं से किसान अपने फैसले खुद ले सकते हैं और अधिक लाभ कमा सकते हैं।

एकीकृत हो रही हैं मंडियां

ई-नाम प्लेटफॉर्म देश के विभिन्न राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों की थोक विनियमित मंडियों को एकीकृत कर रहा है। इसका उद्देश्य है – समान गुणवत्ता मानक लागू करना, सामंजस्यपूर्ण व्यापार पद्धतियों को बढ़ावा देना और डिजिटल भुगतान और लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा देना

यह पूरी जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर के माध्यम से दी।

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