राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

PMMSY के तहत मछुआरों की सुरक्षा में बढ़ावा: 14,300 कम्युनिकेशन किट और 1 लाख ट्रांसपोंडर लगाने में तेजी

03 दिसंबर 2025, नई दिल्ली: PMMSY के तहत मछुआरों की सुरक्षा में बढ़ावा: 14,300 कम्युनिकेशन किट और 1 लाख ट्रांसपोंडर लगाने में तेजी – मत्स्यपालन विभाग, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार समुद्र में मछुआरों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानता है। इसी उद्देश्य के तहत, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के अंतर्गत राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को मछुआरों को सुरक्षा उपकरण और तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है। इसमें पारंपरिक और मोटराइज्ड फिशिंग वेसल्स के मछुआरों के लिए जीवन रक्षक उपकरण जैसे कि जीपीएस, लाइफ जैकेट, लाइफबॉय, प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स, फ्लेयर्स, रडार रिफ्लेक्टर और सर्च व रेस्क्यू बीकन शामिल हैं। इसके अलावा, फिशिंग वेसल्स पर कम्यूनिकेशन और ट्रैकिंग उपकरण, पोटेंशियल फिशिंग जोन (PFZ) उपकरण आदि भी प्रदान किए जा रहे हैं।

विगत पांच वर्षों (वित्त वर्ष 2020-21 से 2024-25) में, मत्स्यपालन विभाग ने PMMSY के तहत कुल 50.05 करोड़ रुपए की लागत से 14,300 कम्यूनिकेशन उपकरण मछुआरों को उपलब्ध कराने के प्रस्ताव स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही, मछुआरों को मृत्यु और स्थायी अक्षमता पर बीमा कवर और फिशिंग वेसल्स के बीमा के लिए प्रीमियम सबवेंशन भी दिया जा रहा है। बीमा कवरेज में मृत्यु या पूर्ण अक्षमता के लिए ₹5 लाख, आंशिक अक्षमता के लिए ₹2.5 लाख और अस्पताल में भर्ती होने पर ₹25,000 का खर्च शामिल है।

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मछुआरों के लिए ट्रांसपोंडर और समुद्री सीमा निगरानी

प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत सभी तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फिशिंग वेसल्स पर ट्रांसपोंडर लगाने के लिए नेशनल रोलआउट परियोजना (NRVCSS) को मंजूरी दी गई है। इसके तहत 100% सरकारी सहायता से कुल एक लाख फिशिंग वेसल्स पर ट्रांसपोंडर लगाए जा रहे हैं। इन ट्रांसपोंडरों में जियो-फेंसिंग फीचर हैं, जो मछुआरों को समुद्री सीमा के पास पहुँचने या पार करने पर अलर्ट करते हैं, ताकि समुद्री सीमा पार करने की घटनाओं को रोका जा सके। अब तक मरीन फिशिंग वेसल्स पर कुल 45,051 ट्रांसपोंडर लगाए जा चुके हैं, जिसमें तमिलनाडु में ब्लू रिवोल्यूशन स्कीम के तहत लगाए गए 3,884 ट्रांसपोंडर भी शामिल हैं।

इसके अतिरिक्त, तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मत्स्यपालन विभाग, भारतीय तटरक्षक के साथ मिलकर नियमित रूप से सामुदायिक संवाद कार्यक्रम (CIPs) आयोजित कर रहे हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यम से मछुआरों को समुद्र में जीवन सुरक्षा के महत्व, जीवन रक्षक उपकरण और पोर्टेबल कम्युनिकेशन सेट के उपयोग के बारे में जागरूक किया जा रहा है। साथ ही, उन्हें समुद्री सीमा पार न करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

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बीमा और सुरक्षा कवरेज

विगत तीन वर्षों (2021-22 से 2023-24) और वर्तमान वित्तीय वर्ष (2024-25) में, PMMSY के तहत औसतन 32.82 लाख मछुआरों को प्रतिवर्ष बीमा कवरेज प्रदान किया गया है। कुल मिलाकर, 131.30 लाख मछुआरों को इस दौरान बीमा कवरेज उपलब्ध कराया गया। फिशिंग वेसल्स के बीमा में हल्ल, मशीनरी, फिशिंग नेट सहित एक्सेसरीज़ के नुकसान, कुल या आंशिक नुकसान, कलिशन लायबिलिटी और प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कवर किया जाता है।

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मत्स्यपालन विभाग, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ़ लल्लन सिंह ने यह जानकारी लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दी।

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