धान और मूंग के न्यूनतम समर्थन मूल्य में सबसे कम बढ़ोतरी, जानिए ऐसा क्यों?
24 जून 2024, नई दिल्ली: धान और मूंग के न्यूनतम समर्थन मूल्य में सबसे कम बढ़ोतरी, जानिए ऐसा क्यों? – भारत सरकार ने विपणन सत्र 2024-25 के लिए खरीफ की प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है। कुछ फसलों के एमएसपी में अधिक वृद्धि हुई है जैसे रामतिल, सोयाबीन और अरहर, हालांकि धान और मूंग के एमएसपी में सबसे कम वृद्धि देखने को मिली है। धान के एमएसपी में केवल 117 रुपये और मूंग के एमएसपी में 124 रुपये की वृद्धि हुई है।
फसल | 2020-21 | 2021-22 | 2022-23 | 2023-24 | वृद्धि | 2024-25 |
धान, सामान्य | 1868 | 1940 | 2040 | 2183 | 117 | 2300 |
धान, ग्रेड ए | 1888 | 1960 | 2060 | 2203 | 117 | 2320 |
मूंग | 7196 | 7275 | 7755 | 8558 | 124 | 8682 |
धान भारत की सबसे प्रमुख फसल है और यह देश की खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और लाखों किसानों की आजीविका का प्रमुख स्रोत है। दूसरी और मूंग एक महत्वपूर्ण दलहन फसल है जो प्रोटीन का मुख्य स्रोत है। मूंग का उपयोग दाल के रूप में किया जाता है और यह पोषण सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
सबसे कम वृद्धि का कारण
केंद्र सरकार द्वारा धान और मूंग के एमएसपी में सबसे कम वृद्धि के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं:
- धान की उच्च जल खपत: धान की खेती में जल की अत्यधिक खपत होती है। जल संकट की बढ़ती समस्या को देखते हुए, सरकार किसानों को अन्य कम जल खपत वाली फसलों की ओर प्रोत्साहित कर रही है ताकि जल संसाधनों का संतुलन बना रहे।
- विभिन्न फसलों को बढ़ावा देना: सरकार विभिन्न प्रकार की नकदी फसलों (कैश क्रॉप्स) की बुवाई को बढ़ावा देना चाहती है। इससे कृषि विविधता बढ़ेगी और किसानों की आय में भी सुधार होगा।
- धान के निर्यात पर प्रतिबंध: सामान्य धान के निर्यात पर प्रतिबंध के कारण भी एमएसपी में सीमित वृद्धि की गई है। इससे घरेलू बाजार में धान की आपूर्ति बढ़ी है और कीमतों में स्थिरता बनी रहती है।
- मूंग की उच्चतम एमएसपी: मूंग का एमएसपी 2024-25 के लिए 8682 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है,जो की खरीफ फसलों में सबसे अधिक एमएसपी है। इसके बावजूद इसकी कीमत में स्थिरता बनाए रखने के लिए सरकार ने मूंग के एमएसपी में सीमित वृद्धि की है, ताकि बाजार में अधिक उतार-चढ़ाव न हो और उपभोक्ताओं को भी स्थिर कीमत पर दाल उपलब्ध हो सके।
- दलहन और नकदी फसलों को प्रोत्साहन: सरकार का उद्देश्य देश में दलहन और नकदी फसलों की खेती को बढ़ावा देना है ताकि अन्य देशों से आयात कम किया जा सके और आत्मनिर्भरता बढ़े।
- वित्तीय संतुलन: सरकार ने वित्तीय संतुलन बनाए रखने और अन्य महत्वपूर्ण फसलों की एमएसपी में अधिक वृद्धि करने के उद्देश्य से धान और मूंग के एमएसपी में सीमित वृद्धि की है। इससे किसानों को सभी फसलों में संतुलित लाभ मिल सकेगा।
- कीमत में स्थिरता: धान और मूंग की कीमतों में स्थिरता बनाए रखने के लिए सरकार ने एमएसपी में सीमित वृद्धि की है। इससे बाजार में कीमतों में अधिक उतार-चढ़ाव नहीं होगा और उपभोक्ताओं को भी स्थिर कीमत पर अनाज उपलब्ध हो सकेगा।
धान और मूंग के एमएसपी में सीमित वृद्धि के पीछे सरकार के उद्देश्य दीर्घकालिक और व्यापक हैं। जल संरक्षण, विभिन्न फसलों को बढ़ावा, निर्यात नीति, और दलहन के उत्पादन को प्रोत्साहन देने के प्रयास सरकार की कृषि नीति का हिस्सा हैं।
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