ई-किसान उपज निधि (ई-केयूएन): किसानों के लिए आसान लोन का रास्ता, जानें पूरी डिटेल
27 मार्च 2025, नई दिल्ली: ई-किसान उपज निधि (ई-केयूएन): किसानों के लिए आसान लोन का रास्ता, जानें पूरी डिटेल – किसानों को उनकी फसल के बदले आसान और सस्ता कर्ज देने के लिए शुरू किया गया ई-किसान उपज निधि (ई-केयूएन) पोर्टल अब चर्चा में है। यह पोर्टल किसानों को आर्थिक तंगी से उबारने और साहूकारों के चंगुल से बचाने का एक जरिया बन सकता है। आइए, जानते हैं कि यह पोर्टल क्या है, कैसे काम करता है और इसके फायदे क्या हैं।
ई-केयूएन पोर्टल क्या है?
ई-किसान उपज निधि (ई-केयूएन) एक डिजिटल मंच है, जिसके जरिए किसान अपनी उपज को वेयरहाउस में जमा करके उसके बदले कम ब्याज पर लोन ले सकते हैं। इसका उद्देश्य किसानों को फसल बेचने की जल्दबाजी से बचाना और उन्हें बाजार में बेहतर कीमत मिलने तक इंतजार करने की सुविधा देना है। इस पोर्टल की खासियत यह है कि इसके लिए सरकारी सिबिल स्कोर की जरूरत नहीं है, जिससे छोटे और मझोले किसानों के लिए लोन लेना आसान हो जाता है।
कैसे मिलता है लोन?
- पंजीकरण: किसानों को ई-केयूएन पोर्टल पर रजिस्टर करना होता है।
- उपज जमा करें: अपनी फसल को नजदीकी मान्यता प्राप्त वेयरहाउस में जमा करें।
- आवेदन: पोर्टल पर लोन के लिए आवेदन करें, जो 26 जुड़े हुए बैंकों में से किसी एक के जरिए प्रोसेस होता है।
- लोन राशि: फसल की कीमत के आधार पर कम ब्याज वाला कर्ज तुरंत मिलता है।
इस पोर्टल से 26 बैंक जुड़े हैं, जिनमें 12 राष्ट्रीयकृत बैंक जैसे भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और 14 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक जैसे आंध्र प्रगति ग्रामीण बैंक, कर्नाटक ग्रामीण बैंक और तमिलनाडु ग्राम बैंक शामिल हैं। ये बैंक मिलकर किसानों को लोन की सुविधा दे रहे हैं।
किन राज्यों में हुआ इस्तेमाल?
17 मार्च 2025 तक के आंकड़ों के मुताबिक, राजस्थान के 10, गुजरात के 5, मध्य प्रदेश के 2, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के 1-1 किसान ने इस पोर्टल के जरिए लोन लिया है। कुल 19 किसानों ने अब तक इस सुविधा का लाभ उठाया है।
हालांकि यह योजना किसानों के लिए मददगार हो सकती है, लेकिन अभी तक केवल 19 किसानों ने इसका इस्तेमाल किया है। जानकारों का मानना है कि पोर्टल के बारे में जागरूकता की कमी और ग्रामीण इलाकों में डिजिटल पहुंच सीमित होना इसके कम इस्तेमाल की बड़ी वजह हो सकता है।
ताजा खबर: 19 किसानों को 21 लाख से ज्यादा का लोन
ई-किसान उपज निधि (ई-केयूएन) पोर्टल के जरिए 17 मार्च 2025 तक 19 किसानों को कुल 21,61,700 रुपये की ऋण राशि दी जा चुकी है। यह जानकारी केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री निमूबेन जयंतीभाई बांभनिया ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में दी। अभी तक राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के किसानों ने इस योजना का फायदा उठाया है।
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