राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

उर्वरक के नमूने के विश्लेषण की नई प्रक्रिया 1 मार्च से लागू

27 मार्च 2023, नई दिल्ली: उर्वरक के नमूने के विश्लेषण की नई प्रक्रिया 1 मार्च से लागू – उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के अनुसार तीन स्तरीय प्रणाली में उर्वरक के विश्लेषण को अनिवार्य करता है, यानी नमूने का पहला विश्लेषण किसी भी अधिसूचित प्रयोगशालाओं में किया जाता है, दूसरा विश्लेषण पीड़ित व्यक्ति या एजेंसी की अपील पर और तीसरा नमूना विश्लेषण केवल उन मामलों में जहां पहले विश्लेषण और दूसरी विश्लेषण रिपोर्ट में भिन्नता है। केंद्र सरकार द्वारा इस पूरी प्रणाली की समीक्षा की गई है और यह देखा गया है कि इस प्रक्रिया में काफी समय लगता है और अंतिम परिणाम तक पहुंचने में 6 से 8 महीने लगते हैं। जिसके कारण सब्सिडी जारी करने और किसानों को उर्वरक की उपलब्धता को भी प्रभावित करता है।

भारत सरकार की ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की नीति को आगे बढ़ाने और सुनिश्चित करने के लिए और किसानों को आसानी से उर्वरकों की निर्बाध उपलब्धता, विश्लेषण की एक नई प्रणाली शुरू करने का निर्णय लिया गया है। केंद्र सरकार द्वारा जारी गजट क्रमांक SO 623 ( E) दिनांक 8 फरवरी 2023 के प्रावधानों के अनुसार इस नई प्रणाली के तहत उर्वरक निरीक्षक तीन नमूने लेकर पहला नमूना राज्य अधिसूचित प्रयोगशाला को भेजेगा और शेष दो भागों को राज्य द्वारा नामित प्राधिकारी के पास जमा करेगा। डीलर/ निर्माता के पास राष्ट्रीय परीक्षण शाला (एनटीएच ) की किसी भी अधिकृत प्रयोगशाला में एक साथ विश्लेषण के लिए राज्य अधिकृत अधिकारी के पास दो नमूनों में से एक भेजने के लिए नमूने लेने की तारीख से 7 दिनों के भीतर आवेदन करने का विकल्प है। यदि दो रिपोर्टों में भिन्नता है, तो ऐसे नमूने निरपवाद रूप से केंद्रीय उर्वरक गुणवत्ता नियंत्रण और प्रशिक्षण संस्थान (सी एफ क्यू सी टीआई ), फरीदाबाद में रेफरी विश्लेषण के लिए भेजे जाएंगे।यह नई उर्वरक परीक्षण व्यवस्था 1 मार्च, 2023 से लागू होगी।

इस बीच, एफसीओ के खंड 28ए के तहत राज्यों के लिए यह आवश्यक है कि वे अधिसूचना द्वारा एक अधिकारी नियुक्त करें, जो नमूनों की अभिरक्षा के लिए संयुक्त निदेशक (जेडीए) के पद से नीचे का अधिकारी न हो । अर्थात उर्वरक का नमूना लेने के तत्काल बाद बगैर समय गवाए संबंधित कम्पनी को सूचना दी जावे जिससे कम्पनी तत्काल प्रथम सैम्पल के समय रेफरी की अपील कर सके। अब रेफरी की अवधि 30 दिन से कम कर केवल 7 दिन कर दी गई है व प्रथम सैम्पल फेल होने के बाद जो रैफरी होता था उसके स्थान पर प्रथम नमूना लेते समय ही फीस जमा करनी होगी । दोनों नमूनों के विश्लेषण में अंतर होने पर रेफरी सेम्पल फरीदाबाद लेब में भेजा जाएगा और उसकी रिपोर्ट को अंतिम माना जायेगा। और यह भी निश्चित कर दिया गया है कि एक सैंपल लैब में भेजने के बाद बाकी 2 सैंपल ज्वाइंट डायरेक्टर के अभिरक्षा में रखे जाएंगे। अतः सभी कंपनी उर्वरक निर्माता कंपनी प्रतिनिधि एवं उर्वरक विक्रेता 1 मार्च के बाद नमूने देने के तत्काल बाद ही इस प्रक्रिया के अनुसार 7 दिनों के अंदर दूसरे नमूने को विश्लेषण के लिए भेजने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।

महत्वपूर्ण खबर: गेहूँ मंडी रेट (25 मार्च 2023 के अनुसार)

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्राम )

Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *