राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

विकसित कृषि संकल्प अभियान: 1154 गांवों में 1.54 लाख किसानों से किया सीधा संवाद, वैज्ञानिकों ने साझा किए अनुभव

03 जुलाई 2025, नई दिल्ली: विकसित कृषि संकल्प अभियान: 1154 गांवों में 1.54 लाख किसानों से किया सीधा संवाद, वैज्ञानिकों ने साझा किए अनुभव – कोलकाता स्थित भाकृअनुप-केन्द्रीय पटसन एवं समवर्गीय रेशा अनुसंधान संस्थान (क्रिजैफ), बैरकपुर में बीते (25 जून 2025) को विकसित कृषि संकल्प अभियान पर किसानों और विशेषज्ञों का अनुभव साझा कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य अभियान के दौरान किसानों और वैज्ञानिकों के अनुभवों को साझा कर भविष्य की रणनीति को और बेहतर बनाना था।

संस्थान के निदेशक डॉ. गौरांग कर ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए कृषि मंत्री और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के महानिदेशक को धन्यवाद दिया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि पिछले 15 दिनों में संस्थान के तहत आने वाले चार जिलों- कूचबिहार, बांकुड़ा, बर्धमान और उत्तर 24 परगना में 17 टीमों ने कुल 1154 गांवों में जाकर लगभग 1,54,000 किसानों से सीधा संवाद किया।

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इस दौरान किसानों को खरीफ सीजन की फसलों में वैज्ञानिक पद्धतियों के उपयोग, सरकारी योजनाओं की जानकारी, और सस्टेनेबल खेती के उपायों के बारे में जागरूक किया गया। संवाद और जानकारी के आदान-प्रदान से किसानों को न केवल फसल उत्पादन में मदद मिली बल्कि योजनाओं का लाभ उठाने की दिशा में भी वे सशक्त हुए।

कार्यक्रम में भाकृअनुप-क्रिजैफ के वैज्ञानिकों के साथ-साथ पाँच कृषि विज्ञान केन्द्रों (KVKs)- बर्धमान, कूचबिहार, बांकुड़ा आदि के एसएमएस (Subject Matter Specialists) ने ऑनलाइन माध्यम से भाग लिया और अपने क्षेत्रीय अनुभवों को साझा किया।

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किसान सहित 50 विशेषज्ञ हुए शामिल

करीब 55 किसान और 50 विशेषज्ञ इस संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। वैज्ञानिकों ने बताया कि अभियान के दौरान ग्रामीण अंचलों में जाकर उन्होंने किसानों की स्थानीय समस्याओं को करीब से जाना, और यह समझा कि किस प्रकार से कृषि में तकनीक और योजना की जानकारी सीधे लाभ पहुंचा सकती है।

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किसानों ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस अभियान से उन्हें नई जानकारी, योजनाओं की समझ और वैज्ञानिक खेती के तौर-तरीके जानने को मिले हैं, जिससे उनका उत्पादन और आय दोनों बढ़ सकती है। यह अभियान कृषि क्षेत्र में नीति और क्रियान्वयन के बीच की खाई को पाटने की दिशा में एक सशक्त प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

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