विकसित कृषि संकल्प अभियान: खरीफ से पहले 700 जिलों में किसानों से सीधा संवाद
13 मई 2025, नई दिल्ली: विकसित कृषि संकल्प अभियान: खरीफ से पहले 700 जिलों में किसानों से सीधा संवाद – केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर) मिलकर देश के 700 से अधिक जिलों में विकसित कृषि संकल्प अभियान शुरू करने जा रहे हैं। यह अभियान 29 मई से 12 जून 2025 तक चलेगा, जिसके तहत कृषि वैज्ञानिक और मंत्रालय के अधिकारी गांव-गांव जाकर किसानों से बातचीत करेंगे और उन्हें आधुनिक खेती की तकनीकों से अवगत कराएंगे।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को नई दिल्ली में इस अभियान को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में 731 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके), आईसीएआर के 100 से अधिक संस्थानों और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी और आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट भी मौजूद रहे।
अभियान का उद्देश्य
इस अभियान का मकसद किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों, नई फसल किस्मों और सरकारी योजनाओं की जानकारी देना है। इसके अलावा, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना और मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर संतुलित उर्वरकों के उपयोग के बारे में जागरूक करना भी लक्ष्य है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “यह रचनात्मक और महत्वाकांक्षी अभियान खेती को उन्नत करने और किसानों को इसका सीधा लाभ पहुंचाने के लिए है।”
अभियान के दौरान चार-चार वैज्ञानिकों की टीमें गांवों में जाएंगी। ये टीमें ड्रोन तकनीक, धान की सीधी बुवाई (डीएसआर), फसल विविधीकरण और सोयाबीन की खेती में मशीनीकरण जैसी तकनीकों का प्रदर्शन करेंगी। साथ ही, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) का उपयोग कर किसानों तक जानकारी पहुंचाई जाएगी।
गांव-स्तर पर सहयोग
इस अभियान में राज्य के कृषि, बागवानी, पशुपालन और मत्स्य पालन विभागों के अधिकारी शामिल होंगे। इसके अलावा, राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली (एनपीएसएस) के पौध संरक्षण अधिकारी, प्रगतिशील किसान, कृषि उद्यमी, किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), और स्वयं सहायता समूहों के सदस्य भी हिस्सा लेंगे।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “विकसित भारत के लिए हमारा संकल्प है विकसित खेती और समृद्ध किसान। यह अभियान कर्मकांड नहीं है। हम उम्मीद करते हैं कि खरीफ सीजन में इसके सकारात्मक परिणाम दिखेंगे।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि कृषि अनुसंधान को प्रयोगशाला से खेतों तक पहुंचाना जरूरी है।
तैयारियां और राज्य सरकारों का सहयोग
अभियान की सफलता के लिए केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है। शिवराज सिंह चौहान ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर सहयोग मांगा है। केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी और आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. जाट ने भी राज्यों के अधिकारियों से बातचीत की है।
क्या है खास?
यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “लैब टू लैंड” मंत्र पर आधारित है, जिसका लक्ष्य वैज्ञानिक अनुसंधान को किसानों के खेतों तक ले जाना है। अभियान के तहत ड्रोन प्रौद्योगिकी और आधुनिक कृषि उपकरणों का प्रदर्शन भी होगा, ताकि किसान इनका उपयोग अपनी खेती में कर सकें।
हालांकि, इस अभियान की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि जमीनी स्तर पर इसका कार्यान्वयन कितना प्रभावी होता है। किसानों तक जानकारी पहुंचाने और उन्हें नई तकनीकों के लिए प्रेरित करने में स्थानीय अधिकारियों और वैज्ञानिकों की भूमिका अहम होगी। साथ ही, यह देखना भी जरूरी होगा कि अभियान के बाद किसानों को इन तकनीकों को अपनाने के लिए पर्याप्त संसाधन और सहायता मिलती है या नहीं।
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