विकसित कृषि संकल्प अभियान: 8 दिनों में कृषि वैज्ञानिकों ने 5532 कृषकों से किया संवाद
06 जून 2025, इंदौर: विकसित कृषि संकल्प अभियान: 8 दिनों में कृषि वैज्ञानिकों ने 5532 कृषकों से किया संवाद – सम्पूर्ण देश में दिनांक 29 मई से 12 जून के दौरान भारत सरकार के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय द्वारा 15 दिनों के लिए चलाये जा रहे “विकसित कृषि संकल्प अभियान” के अंतर्गत प्रथम 8 दिनों में इंदौर जिले के 96 गांवों में कृषि वैज्ञानिकों ने 5532 कृषकों से संवाद किया।
राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान तथा कृषि विज्ञान केंद्र कस्तूरबाग्राम के कृषि वैज्ञानिकों स्थानीय कृषि विभाग के अधिकारियों के सहयोग से उमरी खेड़ा , असरावद खुर्द, मिर्ज़ापुर, रामपुरिया, कोलानी, काली किराय, कदवाली बुजुर्ग, मांगलिया, रामपिपलिया, औरंगपुर, मांचल, रोलाय, तिल्लोर खुर्द, तिल्लोर बुजुर्ग, जामनिया खुर्द, धन्नाड, करदिया, अटावदा, दकाच्या, फरासपुर, पलासिया, गोक्न्या कुंड, चसिया, नाहरखेडी, पिवड़ाय, पिपल्दा, सेमिलिया रायमल, खुर्दा,खुर्दी, गोलकुंड-खुर्द, बूड़ी बरलाई, गुरन, पुवार्दादाई, सागडोद, कालीबिल्लोद, घटीविल्लोद, पेड़मी , खंडेल, शिवनी, नंदगाँव, कांकरिया, यशवंतनगर, टोडी, कडवा, कुडाना, रंगवासा, चन्देर, खजराया, गोगाखेडी, अरनिया, बब्लिया खुर्द, राजपुरा कुटी, कुवाली, सीतापाठ, जमोड़ी, सिम्रोड़, पानोड, टाकिपुरा, गोकलपुर, लिम्बोदा पार, सनावदिया, दुधिया, सिन्धी बरोदा (धमनाय), केलोद, जामली , बड़गोंदा सहित 96 गाँवों के 5532 किसानों से संवाद कर खरीफ की बोवनी से पूर्व सोयाबीन, मक्का जैसी फसलों की नवीनतम तकनीक एवं नवीनतम कृषि पद्धतियों, उद्यानिकी, सहित केंद्र एवं राज्य शासन द्वारा संचालित कृषकों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई।
इंदौर जिले के लिए गठित 4 टीमों में स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र (कस्तूरबाग्राम) के वैज्ञानिक डॉ दिलीप कुमार मिश्रा, डॉ अर्पणा बाजपेयी , डॉ अरुण कुमार शुक्ला, डॉ नितिन पचलानिया, डॉ श्रीराम दाधीच तथा सुश्री अर्चना कुमारी ने जिले में उगाई जा रही विभिन्न फसलों, उद्यानिकी सहित पशुपालन, फसल बीमा , कृषि मशीनरी बाबत कृषकों को जानकारी दी । जबकि राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ बी. यु.दुपारे, डॉ लोकेश मीना, डॉ राजपाल मीना ने सोयाबीन की उन्नत किस्में जैसे NRC 150, NRC 142, नर्स 165, विपरीत मौसम (अतिवृष्टि या सुखा) में उपयोगी बोवनी की चौड़ी क्यारी पद्धति, कुढ़- मेड प्रणाली, रेज बीएड पद्धति जैसी बोवनी की विधियों, प्रमुख कीट जैसे चक्र भृंग, तना मक्खी, तम्बाकू की इल्ली तथा उनके नियंत्रण की विधियां ; पीला मोज़ेक वायरस, एन्थ्राक्नोज,रायजोक्टोनिया एरिअल ब्लाइट जैसे रोगों के प्रबंधन के लिए फदुन्दनाशक के साथ कीटनाशक तथा रायजोबियम/पी.एस.बी. कल्चर से बोवनी के समय बीजोपचार, कीट नियंत्रण की कम खर्चीली पद्धतियाँ (फेरोमोन ट्रैप, पक्षियों की बैठक व्यवस्था, येलो चिपचिपी पट्टियाँ, मेड़ के चारों तरफ/खाली जगह पर कीट आकर्षक सुवा एवं गेंदे की फसलों का प्रयोग) को अपनाकर खेती में आने वाले व्यय को कम करने की सलाह दी गई ।
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