राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

बरेली में हुआ दीक्षांत समारोह: राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा- आईवीआरआई सस्ते और देसी पशु इलाज पर करे काम

02 जुलाई 2025, नई दिल्ली: बरेली में हुआ दीक्षांत समारोह: राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा- आईवीआरआई सस्ते और देसी पशु इलाज पर करे काम – भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI), बरेली का दीक्षांत समारोह सोमवार (30 जून 2025) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। इस मौके पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय संस्कृति सभी जीवों में ईश्वर की उपस्थिति को मानती है। उन्होंने कहा कि मनुष्य और पशु-पक्षियों के बीच सहअस्तित्व की भावना बहुत पुरानी है, लेकिन कई प्रजातियां अब विलुप्त हो रही हैं, जिसे रोकना जरूरी है। उन्होंने सभी से पशु कल्याण के लिए काम करने की अपील की।

‘वन हेल्थ’ की अहमियत पर दिया जोर

राष्ट्रपति ने ‘वन हेल्थ’ की अवधारणा पर जोर देते हुए कहा कि इंसान, पशु, पेड़-पौधे और पर्यावरण, सभी एक-दूसरे पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने यह सिखाया कि उपभोग पर आधारित जीवनशैली न केवल मनुष्य बल्कि पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचा सकती है।

उन्होंने आईवीआरआई जैसे संस्थानों से अपील की कि वे स्वदेशी और कम लागत वाले पशु उपचार और पोषण के विकल्प विकसित करें। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी दवाएं विकसित की जाएं जिनका कोई दुष्प्रभाव न हो, न तो पशुओं पर और न ही पर्यावरण पर।

तकनीक के इस्तेमाल पर जोर

राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा, भ्रूण स्थानांतरण तकनीक और जीनोम एडिटिंग जैसी आधुनिक तकनीकों से पशु चिकित्सा में क्रांतिकारी बदलाव आ सकते हैं। उन्होंने छात्रों को पशु विज्ञान में स्टार्टअप शुरू करने और उद्यमी बनने के लिए प्रेरित किया।

छात्रों को दी डिग्रियां और पदक

समारोह में राष्ट्रपति द्वारा 576 छात्रों को डिग्रियां और 24 को पदक प्रदान किए गए। उन्होंने कहा कि पशु कल्याण का क्षेत्र चुनकर छात्रों ने प्रशंसा योग्य कार्य किया है।

कृषि मंत्री ने कहा- पशुपालन के बिना अधूरी है खेती

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि पशुपालन के बिना खेती को लाभ का धंधा नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को अब लैब से निकलकर खेतों और किसानों तक पहुंचना होगा। उन्होंने आईवीआरआई को पशुपालन और दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में मील का पत्थर बताया। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और अन्य अतिथियों ने भी विचार साझा किए। 

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