भारत में सर्टिफाइड जैविक खेती 59 लाख हेक्टेयर से अधिक में
27 जुलाई 2022, नई दिल्ली: भारत में सर्टिफाइड जैविक खेती 59 लाख हेक्टेयर से अधिक में – सरकार ने परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) और मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट फॉर नॉर्थ ईस्टर्न रीजन (एमओवीसीडीएनईआर) के माध्यम से देश में जैविक खेती के तहत 6.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को जोड़ने का प्रस्ताव किया है।
वर्तमान में, 59.12 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को पहले ही जैविक खेती के तहत लाया जा चुका है, जो राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम (एनपीओपी) और भागीदारी गारंटी प्रणाली (पीजीएस) द्वारा प्रमाणित है।
रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर (FiBL) और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर मूवमेंट्स (IFOAM) स्टैटिस्टिक्स 2022 द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार भारत विश्व स्तर पर प्रमाणित क्षेत्र के मामले में चौथे स्थान पर है। यह जानकारी केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में दी।
विपणन और ब्रांडिंग पर सहायता
विपणन और ब्रांडिंग जैविक उत्पादों के लिए मूल्य संवर्धन करता है। विपणन, ब्रांडिंग और व्यापार के लिए पीकेवीवाई के तहत 6800 रुपये प्रति हेक्टेयर और MOVCDNER के तहत 5000 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता प्रदान की जा रही है। देश में इन कार्यक्रमों के तहत विकसित ब्रांडों का विवरण इस प्रकार है:
राज्य | ब्रांड |
मध्य प्रदेश | मेड इन मंडला |
उत्तराखंड | ऑर्गेनिक उत्तराखंड |
तमिलनाडु | तमिलनाडु ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स (टॉप) |
महाराष्ट्र | साही ऑर्गेनिक, नासिक ऑर्गेनिक & गडचिरोलिया ऑर्गेनिक फार्मिंग |
झारखंड | जैविक झारखंड, फ्रॉम द लैंड ऑफ़ झारखण्ड |
छत्तीसगढ | आदिम ब्रांड ऑफ़ भूमि गाड़ी फ्पो, बस्तर नेचुरल्स |
पंजाब | फाइव रिवर |
त्रिपुरा | त्रिपुरेश्वरी फ्रेश |
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