राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

बिल गेट्स ने नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का दौरा किया

04 मार्च 2023, नई दिल्ली: बिल गेट्स ने नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का दौरा किया – माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक अध्यक्ष, मशहूर उद्योगपति श्री बिल गेट्स ने गत बुधवार को नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) परिसर का दौरा किया।

आईएआरआई में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फांउडेशन के ट्रस्टी श्री बिल गेट्स के भ्रमण का उद्देश्य संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों को देखना था। इसके अलावा विश्व स्तर पर कुपोषण को दूर करने के लिए श्री गेट्स द्वारा परियाजनाओं को निधि देने की संभावनांए तलाशना। 

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भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा में श्री गेट्स का यह पहला दौरा था। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन विश्व स्तर पर कुपोषण को दूर करने के लिए काम कर रहा है। फाउंडेशन कृषि में ऐसी तकनीकों की खोज करने में मदद कर रहा है जिन्हें विश्व स्तर पर लागू किया जा सके और कुपोषण से संबंधित प्रमुख मुद्दों का समाधान किया जा सके।

उन्होंने गेहूं में आईएआरआई द्वारा विकसित संरक्षण कृषि (सीए) कृषि प्रणाली पर एक विशेष परियोजना का अवलोकन किया। संस्थान ने गेहूं और मक्का की फसल प्रणाली के साथ 100% संरक्षण कृषि के माध्यम से पिछले 10 वर्षों से पौधों का रखरखाव किया है। संरक्षण कृषि कम प्रदूषण करती है, उर्वरता की लागत कम करती है, मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करती है, और मिट्टी के माइक्रोबायोम प्रोफाइल के पुनर्विकास में सहायता करती है। इन सभी लाभों को डॉ. ए.के. सिंह, निदेशक आईएआरआई ने परियोजना क्षेत्र के भ्रमण परिविष्ट अतिथि के साथ साझा किया। श्री गेट्स ने जलवायु अनुकूल सूखा-रोची चने की किस्मों को विकसित करने के कार्यक्रम को भी किया।

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अपनी यात्रा के बारे में ट्विटर पर उल्लेख करते हुए, श्री गेट्स ने कहा, “भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का भ्रमण करना और भारत में जलवायु-स्मार्ट फसलों को विकसित करने के लिए उपयोग की जा रही उन्नत तकनीकों के बारे में जानना बहुत अच्छा था। मैं भारत को उन नवाचारों पर प्रगति करते हुए देखकर रोमांचित हूं जो विश्व स्तर पर किसानों की मदद कर सकते हैं।”

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डॉ ए के सिंह ने कहा, “श्री गेट्स संरक्षण कृषि के लाभों और IARI द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों से अत्यधिक प्रभावित थे।”

उनके फांउडेशन के प्रमुख कार्य क्षेत्रों में से एक सतत कृषि और सतत खाद्य प्रणाली विकसित करके विश्व स्तर पर कुपोषण को खत्म करना है। श्री गेट्स ने यह भी उल्लेख किया कि अनुसंधान के महत्व को देखते हुए फांउडेशन निवेश राष्ट्रीय कार्यक्रमों में आना चाहिए। प्लांट ब्रीडिंग के डिजिटलीकरण पर फाउंडेशन के साथ संस्थान एक पायलट प्रोजेक्ट कर रहा है, जीनोम एडिटिंग जैसे नए विज्ञान के क्षेत्र में मानव संसाधन विकास, बैक्टीरियल ब्लाइट के लिए प्रतिरोधी किस्मों का विकास भी कर रहा है।”

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