राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

केन्द्रीय आम बजट 2025-26 में कृषि को मिला प्रथम इंजन का दर्जा

03 फ़रवरी 2025, नई दिल्ली: केन्द्रीय आम बजट 2025-26 में कृषि को मिला प्रथम इंजन का दर्जा – देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने संसद में केंद्रीय बजट 2025-26 पेश किया. इस साल के बजट में किसानों का ध्यान रखते हुए किसानों की कमाई में इजाफा करने कई कदम उठाए गए हैं। वित्त मंत्री ने बजट में केंद्र सरकार का फोकस कृषि के बुनियादी ढ़ांचे को मजबूत करने, तकनीक को बढ़ावा देने और प्राकृतिक खेती की ओर किसानों का रूझान बढ़ाने पर रखा है। भारत के विकास में ‘कृषि को प्रथम इंजन’ बताते हुए कृषि क्षेत्र के विकास और उत्पादकता में वृद्धि के लिए कई उपायों की घोषणा की। किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। बिहार में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी बनेगा। वहीँ डेयरी और फिशरी के लिए 5 लाख रुपये तक का लोन मिलेगा। साथ ही असम में यूरिया प्लांट खोलने का ऐलान किया है। राज्यों की भागीदारी से ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजनाÓ का होगा । इस कार्यक्रम में कम उत्पादकता, कम उपज वाले 100 जिलों को शामिल किया जाएगा, जिससे 1.7 करोड़ किसानों को मदद मिलेगी । उच्च उपज वाले बीजों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय मिशन शुरू करने की घोषणा की । साथ ही कपास के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कपास मिशन शुरू करने की बात कही I

किसानों की आय बढ़ाने के लिए बजट में नई घोषणाएं

कपास उत्पादकता मिशन

कपास उत्पादकता के लिए अभियान की घोषणा करते हुए श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस पंच-वर्षीय मिशन से कपास कृषि की उत्पादकता में पर्याप्त सुधार लाने में मदद मिलेगी और कपास की अधिक लंबे रेशे वाली किस्मों को बढ़ावा मिलेगा। किसानों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी की सर्वोत्तम सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

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बिहार में मखाना बोर्ड

बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना की घोषणा करते हुए श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि मखानों का उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन में सुधार लाने के लिए बिहार में मखाना बोर्ड स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन कार्यकलापों में लगे लोगों को एफपीओ में संगठित किया जाएगा।


राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन

श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन शुरू किया जाएगा, जिसका उद्देश्य अनुसंधान को बढ़ावा देना, उच्च पैदावार, कीट प्रतिरोधी और जलवायु अनुकूलन के गुणों से संपन्न बीजों का विकास और प्रचार करना तथा जुलाई 2024 से जारी किए गए बीजों की 100 से अधिक किस्मों को वाणिज्यिक स्तर पर उपलब्ध कराना होगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए 10 लाख जर्मप्लाज्म लाइनों के साथ दूसरे जीन बैंक की स्थापना की जाएगी। यह सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों को अनुवांशिक अनुसंधान के लिए संरक्षण सहायता प्रदान करेगी।

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मत्स्य उद्योग

करीब 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के लिए लघु अवधि ऋणों की सुविधा उपलब्ध कराने में किसान क्रेडिट कार्ड ऋण सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की घोषणा की।
समुद्री खाद्य निर्यात के मामले में 60 हजार करोड़ रुपये मूल्य के मत्स्य उत्पादन और जलीय कृषि के क्षेत्र में विश्व में भारत के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक देश का उल्लेख करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अंडमान और निकोबार तथा लक्षद्वीप जैसे द्वीपों पर विशेष ध्यान देने के साथ भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र और गहरे समुद्रों से सतत मछली पकडऩे को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल फ्रेमवर्क लाएगी।

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असम में यूरिया संयंत्र

श्रीमती निर्मला सीतारमण ने असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन की वार्षिक क्षमता के साथ एक उर्वरक संयंत्र की स्थापना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस संयंत्र के साथ-साथ पूर्वी क्षेत्र में निष्क्रिय पड़े तीन यूरिया संयंत्रों में उत्पादन को पुन: प्रारंभ करने से यूरिया की आपूर्ति को और अधिक बढ़ाने के साथ-साथ उर्वरक उत्पादन में आत्मनिर्भरता लाने में सहायता मिलेगी।

ग्रामीण समृद्धि और लचीला निर्माण

राज्यों की भागीदारी से ‘ग्रामीण समृद्धि और लचीला निर्माणÓ नामक एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रारम्भ किया जाएगा ताकि कौशल, निवेश, प्रौद्योगिकी के माध्यम से कृषि में कम रोजगार का समाधान होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई जान आएगी। पहले चरण में 100 विकासशील कृषि जिलों को शामिल किया जाएगा।
दलहन में आत्मनिर्भरता सरकार तूर, उड़द और मसूर पर विशेष ध्यान देने के साथ 6-वर्षीय ‘दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशनÓ प्रारम्भ करेगी। केंद्रीय एजेंसियां नेफेड और एनसीसीएफ अगले 4 वर्षों के दौरान किसानों से ये दालें खरीदेगी।

सब्जियों- फलों के लिए कार्यक्रम

उत्पादन, प्रभावी आपूर्तियों, प्रसंस्करण और किसानों के लिए लाभकारी मूल्य को बढ़ावा देने के लिए राज्यों की भागीदारी से एक व्यापक कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा।

एमएसएमई के मानदण्ड में संशोधन

सभी एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए निवेश और कारोबार की सीमा बढ़ाकर क्रमश: 2.5 और 2 गुना कर दी जाएगी।

सूक्ष्म उद्यमों के लिए क्रेडिट कार्ड

उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत सूक्ष्म उद्यमों के लिए पहले वर्ष में 5 लाख रुपये तक की सीमा वाले 10 लाख कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे।

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स्टार्ट-अप के लिए निधियों का कोष

विस्तारित कार्यक्षेत्र और 10,000 करोड़ रुपए के नए अंशदान के साथ निधियों के नए कोष की स्थापना की जाएगी।

पहली बार के उद्यमियों के लिए योजना

5 लाख महिलाओं अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के पहली बार के उद्यमियों के लिए अगले 5 वर्षों के दौरान 2 करोड़ रुपए तक का सावधि ऋण उपलब्ध कराने की एक नई योजना की घोषणा।

मुख्य बिन्दु

  • ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ लागू होगी।
  • किसान क्रेडिट कार्ड की ऋण सीमा 5 लाख हुई।
  • बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी।
  • उच्च पैदावार वाले बीजों पर राष्ट्रीय अभियान शुरू होगा।
  • दूसरे 10 लाख जर्मप्लाज्म लाइनों के साथ दूसरे जीन बैंक की स्थापना होगी।
  • कपास उत्पादकता के लिए पांच वर्षीय अभियान।
  • नामरूप (असम) में 12.7 लाख टन उर्वरक संयंत्र लगेगा।
  • अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप द्वीपों पर दीर्घकालिक मत्स्य संवर्धन के लिए नए अनुकूल फ्रैमवर्क लाएगी।

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