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महाराष्ट्र में अब मछली पालन क्षेत्र को भी कृषि का दर्जा मिला

23 अप्रैल 2025, नई दिल्ली: महाराष्ट्र में अब मछली पालन क्षेत्र को भी कृषि का दर्जा मिला – जी हां ! महाराष्ट्र राज्य में मछली पालन क्षेत्र को भी कृषि का दर्जा दे दिया गया है. दरअसल महाराष्ट्र कैबिनेट ने यह फैसला लिया है ताकि मछुआरों को भी किसानों की तरह ही सुविधाएं व योजनाओं का लाभ मिल सके.

फैसले से मछुआरों और मछली पालन करने वालों को फायदा मिलेगा जो पानी, बिजली और अन्य बुनियादी सुविधाओं का दावा कर सकेंगे. राज्य के मछली पालन मंत्री नितेश राणे ने कैबिनेट के इस कदम को ‘ऐतिहासिक और क्रांतिकारी’ बताया है. उन्होंने कहा कि इससे 4,83,000 मछुआरों को फायदा होगा.  नितेश राणे ने कहा कि महाराष्ट्र में मछली पालन क्षेत्र में पारंपरिक कृषि की तरह ही पर्याप्त उत्पादन और आय पैदा करने की क्षमता है. कृषि का दर्जा न होने के कारण मछुआरे, जल-पालक और मछली पालक कई बुनियादी सुविधाओं और लाभों से वंचित थे. राणे ने कहा कि इस फैसले से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी क्योंकि मछली पालन हितधारकों को कई बुनियादी सुविधाएं और सब्सिडी हासिल होंगी.  राज्य में मछली उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी. जिस तरह किसानों को बीज, ट्रैक्टर, हल और उर्वरकों के लिए सब्सिडी मिलती है. उसी तरह मछुआरों को अब मछली के बीज, चारा, पैडल-व्हील एरेटर और एयर पंप खरीदने के लिए सब्सिडी मिलेगी. उन्होंने कहा कि इस निर्णय से मछली पालकों और जल-पालकों को मछली के बीज और उत्पादन में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए किसानों के लिए फसल बीमा की तरह बीमा का दावा करने की अनुमति मिल गई है.   सूखे या बहुत ज्‍यादा बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाओं के मामले में मछुआरों को किसानों को दिए जाने वाले सरकारी राहत पैकेज के समान ही राहत पैकेज मिलेंगे. उनका कहना था कि मछली पालन को खेती का दर्जा देने से तटीय और अंतर्देशीय क्षेत्रों में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. रोजगार के अवसर पैदा होंगे और आय में वृद्धि होगी. चूंकि मछुआरों को अब कृषि किसानों के रूप में मान्यता दी गई है. इसलिए उन्हें बिजली शुल्क पर सब्सिडी मिलेगी.  राणे ने आगे कहा कि मछली पालकों, मत्स्य विकास परियोजनाओं, संबंधित कारखानों और प्रोसेसिंग यूनिट्स को कृषि दरों पर बिजली मिलेगी. मंत्री ने कहा, ‘मछली पालक किसान क्रेडिट कार्ड, बैंकों से कृषि दर पर ऋण और सब्सिडी वाली कृषि दरों पर बीमा कवरेज के योग्‍य होंगे. उन्होंने कहा कि मछली पालन क्षेत्र विदेशी मुद्रा आय और देश के लिए प्रोटीन से युक्‍त फूड सप्‍लाई में महत्वपूर्ण योगदान देता है. नितेश राणे का कहना था कि कृषि की तरह महाराष्ट्र में मछली पालन क्षेत्र भी मजबूत उत्पादन और आय पैदा कर सकता है. मछुआरों को बिजली सब्सिडी, किसान क्रेडिट कार्ड, कृषि दरों पर ऋण, रियायती बीमा और उपकरण सब्सिडी जैसी सुविधाएं मिलेंगी जिससे मछली उत्पादन में वृद्धि होगी.

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