कृषि डस्टर और स्प्रेयर कंपनी अस्पी ने मनाई संस्थापक श्री लल्लूभाई पटेल की 118 वीं जयंती
जानिए श्री पटेल का भारतीय कृषि में योगदान
28 मार्च 2024, मुंबई: कृषि डस्टर और स्प्रेयर कंपनी अस्पी ने मनाई संस्थापक श्री लल्लूभाई पटेल की 118 वीं जयंती – अमेरिकन स्प्रिंग एंड प्रेसिंग वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड (अस्पी) के संस्थापक स्वर्गीय श्री लल्लूभाई पटेल, जिन्हें बापू जी के नाम से जाना जाता हैं, की 118वीं जयंती 23 मार्च को मनाई। इस अवसर पर अस्पी के चेयरमेन व एमडी श्री शरद पटेल, जॉइंट एमडी श्री किरण पटेल, मार्केटिंग डायरेक्टर राजीव पटेल, विधायक योगेश सागर एंव परिवार के सदस्य मौजूद रहे।
किसान समुदायों के उत्थान और कृतज्ञता को बढ़ावा देने के उनके महान मिशन को दृढ़ता से आगे बढ़ाते हुए अस्पी की वर्तमान पीढ़ी ने अस्पी प्रांगण में उनकी स्थायी स्मृति का सम्मान करते हुए स्मारक निर्मित किया है। भावनात्मक रूप से इतिहास को संजोते हुए इस वर्तुलाकार स्मारक में अस्पी की पहली प्रेसिंग मशीन का एक पार्ट , साथ ही कंपनी का पहला गैस सिलिंडर भी रखा गया , तथा प्रस्तर शिलालेखों पर अस्पी की निरंतर परिवर्तनशीलता और नवाचार भी उत्कीर्ण है। स्मारक लोकार्पण के आत्मीय प्रसंग पर अस्पी परिवार के सभी सदस्य मौजूद थे।
श्री पटेल का भारतीय कृषि में योगदान
श्री लल्लूभाई पटेल ने देश में कृषि स्प्रेयर निर्माण की शुरूआत में अग्रणी भूमिका और महती नेतृत्व दिया । उन्होंने देश भर के किसानों के लिए छात्रवृत्ति, कृषि वैज्ञानिकों के लिए अनुसंधान साझेदारी और अनेक सुविधाएं प्रदान करते हुए अस्पी कृषि अनुसंधान और विकास फाउंडेशन का उदारतापूर्वक समर्थन किया हैं।
श्री पटेल द्वारा किसानों को सशक्त बनाने के प्रति उनके दूरदर्शी समर्पण ने कंपनी को किसानों की उन्नति के लिए अपने राजस्व का एक अंश निर्धारित करने के लिए प्रेरित किया है।
अस्पी की गौरवशाली विरासत को आगे बढ़ाते हुए अस्पी ने 5 कृषि महाविद्यालय, 4 विद्यालय और एक नेत्र अस्पताल की स्थापना की है ।
1946 में, श्री लल्लूभाई पटेल ने कृषि डस्टर और स्प्रेयर के निर्माण में बदलाव लाते हुए एक अभिनव यात्रा शुरू की। अस्पी के अभी तक पूरे देश में 1700 से अधिक डीलरों का एक व्यापक नेटवर्क है ।
फसल सुरक्षा से परे, अस्पी किसानों को सशक्त बनाने, कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल के लिएअपने संस्थापक श्री पटेल के दृष्टिकोण को मूर्त रूप देने के लिए समर्पित है, जिससे भारतीय कृषि और किसान समुदायों की समृद्धि और आत्म निर्भरता को और अधिक सुदृढ़ किया जा सके।
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