राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद केंद्र ने बढ़ाया जुर्माना, पराली जलाने पर रोक 30 हजार तक का जुर्माना

08 नवंबर 2024, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद केंद्र ने बढ़ाया जुर्माना, पराली जलाने पर रोक 30 हजार तक का जुर्माना –  पराली जलाने की घटनाओं पर कड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्र सरकार ने जुर्माने की राशि दोगुनी कर दी है। अब पांच एकड़ से अधिक भूमि पर पराली जलाने की हर घटना पर किसानों से 30 हजार रुपये का पर्यावरण मुआवजा वसूला जाएगा। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद लिया गया है, जिसमें अदालत ने पराली जलाने पर मामूली जुर्माने को “हास्यास्पद” करार दिया था।

क्या हैं नए जुर्माने के नियम?

केंद्र सरकार ने 6 नवंबर 2024 को “पराली जलाने पर पर्यावरण मुआवजे का अधिरोपण, संग्रह और उपयोग” संशोधन नियम 2024 को अधिसूचित किया, जिसके तहत पर्यावरण मुआवजे (ईसी) की दरों में बढ़ोतरी की गई है। आयोग ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के अधिकारियों को इस नए जुर्माने को तुरंत लागू करने का निर्देश दिया है।

संशोधित ईसी दरें (पराली जलाने की प्रति घटना पर):

भूमि का क्षेत्रफलईसी शुल्क की पूर्व दरें (रुपये में)संशोधन के बाद दरें (रुपये में)
दो एकड़ से कम भूमि वाले किसान2,5005,000
दो से पांच एकड़ भूमि वाले किसान5,00010,000
पांच एकड़ से अधिक भूमि वाले किसान15,00030,000

क्यों लिया गया यह निर्णय?

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सुधार के लिए यह निर्णय लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने से बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताई थी और नाममात्र के जुर्माने को अव्यवहारिक करार देते हुए इसे सख्त करने का निर्देश दिया था। इसके बाद, 7 नवंबर 2024 को आयोग ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, और दिल्ली के मुख्य सचिवों को निर्देश जारी किया कि वे पराली जलाने के मामलों में नए संशोधित जुर्माने को लागू करें।

पर्यावरण मुआवजा और वायु प्रदूषण पर सख्त रुख

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए पराली जलाने पर पर्यावरण मुआवजे की राशि बढ़ाने की सिफारिश की थी। आयोग के निर्देशों के अनुसार, सभी संबंधित नोडल और पर्यवेक्षी अधिकारी किसानों पर पर्यावरण मुआवजा लगाने और वसूलने के लिए अधिकृत हैं।

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