National News (राष्ट्रीय कृषि समाचार)

समुद्र में मछली पकड़ने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास की संभावना तलाशने की अवश्यकताः श्री रूपाला

Share

27 दिसम्बर 2023, विशाखापट्टनम: समुद्र में मछली पकड़ने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास की संभावना तलाशने की अवश्यकताः श्री रूपाला – केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला ने मंगलवार 26 दिसंबर 2023 को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी) द्वारा आयोजित 10वीं शासी निकाय की बैठक की अध्यक्षता की।  

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला ने अपने संबोधन में, कहा कि सीमित कर्मचारियों की संख्या के साथ राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी) ने मत्स्य पालन क्षेत्र के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। ऐसे में एनएफडीबी को हितधारकों के परामर्श से मछुआरों के लिए अलग से मत्स्य पालन विभाग (डीओएफ) को सुझाव देना चाहिए और  डीओएफ को इस सुझाव पर काम करना चाहिए।

निर्यात बाजार में झींगा मछली की अधिक मांग

केंद्रीय मंत्री  रूपाला ने झींगा पालन के समान मछली उत्पादन के महत्व पर बल दिया, जिसकी निर्यात बाजार में बहुत अधिक मांग है। इसलिए मछली के भोजन, गहरे समुद्र में मछली पकड़ने, नौकाओं, पारंपरिक प्रसंस्करण इकाइयों, बीज की आवश्यकता आदि के लिए बुनियादी ढांचे के विकास की संभावना तलाशने के लिए नीति पर काम करने की आवश्यकता है।

श्री रुपाला ने आगे कहा कि संबंधित राज्यों द्वारा राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी) के तकनीकी सहयोग से मत्स्य पालन क्षेत्र के अंतर्गत योजनाओं के माध्यम से बुनियादी ढांचे में तेजी लाने की आवश्यकता है। विशेषकर हरियाणा एवं महाराष्ट्र राज्य में बेहतर घरेलू विपणन के लिए मछली बाजार की स्थापना हेतु राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी) की तकनीकी सहायता प्रदान की जानी है।

फिशिंग हार्बर परियोजना को निर्धारित तिथि तक पूरा करेंः रूपाला

श्री रूपाला ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना(पीएमएमएसवाई) के केंद्रीय क्षेत्र के अंतर्गत स्वीकृत परियोजना पर पोर्ट ट्रस्ट के अधिकारियों के साथ विशाखापत्तनम फिशिंग हार्बर की अभिसरण मोड के तहत 151.81 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत की प्रगति की समीक्षा की और परियोजना को निर्धारित तिथि यानी अक्टूबर 2025 तक पूरा करने का निर्देश दिया।

इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के मत्स्य पालन मंत्री डॉ. सीदिरी ने कहा कि आंध्र प्रदेश में मछली पकड़ने के बंदरगाहों की संख्या कम है, मछली पकड़ने का व्यवसाय पूरी तरह से लचीलेपन के साथ मछली जाल / नाव / मोटर जैसे अलग-अलग घटकों के साथ क्राफ्ट के लिए इकाई लागत में विभाजन की आवश्यकता पर निर्भर करता है। इसके अलावा डॉ. सीदिरी ने गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाले जहाज की इकाई लागत को 40 से 50 लाख रुपये तक संशोधित करने का अनुरोध किया।

इस बैठक में आंध्र प्रदेश के मत्स्य पालन मंत्री डॉ. सीदिरी अप्पालाराजू, कर्नाटक सरकार के मत्स्य पालन और बंदरगाह मंत्री श्री मंकल एस वैद्य और त्रिपुरा, उत्तराखंड तथा पंजाब के मत्स्य अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में मत्स्य पालन विभाग के सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी, मत्स्य पालन विभाग के संयुक्त सचिव श्रीमती नीतू कमरी प्रसाद, राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी) के मुख्य कार्यकारी डॉ. एल नरसिम्हा मूर्ति भी उपस्थित थे।

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्राम)

Share
Advertisements