राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के 5 साल: 23 लाख से ज्यादा किसानों को पेंशन का सुरक्षा कवच

10 सितम्बर 2024, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के 5 साल: 23 लाख से ज्यादा किसानों को पेंशन का सुरक्षा कवच – प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PM-KMY) ने अपने पांच सफल वर्ष पूरे कर लिए हैं, और इस दौरान 23.38 लाख से अधिक छोटे और सीमांत किसान इस योजना से जुड़ चुके हैं। 12 सितंबर 2019 को शुरू की गई यह योजना देश भर के छोटे और सीमांत किसानों को वृद्धावस्था में 3,000 रुपये की न्यूनतम मासिक पेंशन सुनिश्चित करती है, जो उनकी आर्थिक सुरक्षा का एक बड़ा आधार बन गई है।

योजना का उद्देश्य और लाभ

PM-KMY एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है, जो 18 से 40 वर्ष के बीच के किसानों के लिए उपलब्ध है। किसानों को 60 वर्ष की आयु तक मासिक 55 से 200 रुपये तक का योगदान करना होता है, जिसके बाद उन्हें 3,000 रुपये की पेंशन मिलती है। सरकार भी किसानों के योगदान के बराबर पेंशन फंड में सहयोग करती है, जिससे उनके बुढ़ापे की सुरक्षा सुनिश्चित होती है। योजना का प्रबंधन जीवन बीमा निगम (LIC) द्वारा किया जाता है और पंजीकरण सामान्य सेवा केंद्रों (CSC) और राज्य सरकारों के माध्यम से किया जा सकता है।

अगर किसी किसान की मृत्यु हो जाती है, तो उसके जीवनसाथी को 1,500 रुपये की पारिवारिक पेंशन का लाभ मिलता है। यह लाभ केवल जीवनसाथी के लिए ही उपलब्ध होता है और उसी स्थिति में लागू होता है जब वह पहले से योजना का लाभार्थी न हो।

नामांकन प्रक्रिया

PM-KMY में नामांकन की प्रक्रिया बेहद सरल है। किसान निकटतम CSC पर जाकर या योजना के आधिकारिक पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते हैं। पंजीकरण के लिए आधार कार्ड, बैंक खाता संख्या और मोबाइल नंबर जैसी जानकारी की आवश्यकता होती है।

बिहार और झारखंड में सबसे अधिक पंजीकरण

देश भर में इस योजना के तहत किसानों की भागीदारी बढ़ रही है। बिहार 3.4 लाख से अधिक पंजीकरणों के साथ सबसे आगे है, जबकि झारखंड 2.5 लाख पंजीकरणों के साथ दूसरे स्थान पर है। उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में भी क्रमशः 2.5 लाख, 2 लाख और 1.5 लाख से अधिक किसान योजना का हिस्सा बन चुके हैं।

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