पंजाब में कपास की खेती में 20% की वृद्धि, 2.98 लाख एकड़ तक पहुंचा रकबा
11 जून 2025, चंडीगढ़: पंजाब में कपास की खेती में 20% की वृद्धि, 2.98 लाख एकड़ तक पहुंचा रकबा – पंजाब में कपास की खेती में इस साल करीब 20% की वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले साल 2.49 लाख एकड़ की तुलना में इस साल कपास का रकबा बढ़कर 2.98 लाख एकड़ हो गया है, जो 49,000 एकड़ से अधिक की बढ़ोतरी को दर्शाता है। यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री एस. गुरमीत सिंह खुदियान ने दी।
कपास खेती में फाजिल्का अव्वल
सोमवार शाम को किसान भवन में खरीफ सीजन और विभागीय परियोजनाओं की समीक्षा के लिए आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए खुदियान ने बताया कि फाजिल्का जिला कपास की खेती में सबसे आगे है, जहां 60,121 हेक्टेयर भूमि पर कपास की बुवाई हुई है। इसके बाद मानसा (27,621 हेक्टेयर), बठिंडा (17,080 हेक्टेयर) और श्री मुक्तसर साहिब (13,240 हेक्टेयर) का स्थान है। खुदियान ने कहा कि पंजाब सरकार कपास के बीजों पर किसानों को 33% सब्सिडी प्रदान करेगी। अब तक 49,000 से अधिक किसानों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। उन्होंने मुख्य कृषि अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी कपास उत्पादक किसान 15 जून तक ऑनलाइन पंजीकरण पूरा कर लें।
खरीफ मक्का और कृषि विविधीकरण को बढ़ावा
खरीफ मक्का की खेती को लेकर किसानों में उत्साह देखा जा रहा है। 1 जून से बुवाई शुरू होने के बाद मात्र नौ दिनों में 54,000 एकड़ से अधिक क्षेत्र में मक्का बोया जा चुका है। पंजाब सरकार ने छह जिलों—बठिंडा, संगरूर, पठानकोट, गुरदासपुर, जालंधर और कपूरथला—में एक पायलट परियोजना शुरू की है, जिसके तहत धान से मक्का की खेती की ओर रुख करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 17,500 रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस परियोजना का लक्ष्य 12,000 हेक्टेयर भूमि को खरीफ मक्का के अंतर्गत लाना है, ताकि कृषि विविधीकरण और भूजल संरक्षण को बढ़ावा मिले। इसके लिए सरकार ने 200 किसान मित्र नियुक्त किए हैं, जो किसानों का मार्गदर्शन करेंगे।
कृषि मंत्री ने डायरेक्ट सीडिंग ऑफ राइस (डीएसआर), उर्वरकों की उपलब्धता और अन्य परियोजनाओं की स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने जिला कृषि अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले कृषि निवेश उपलब्ध कराए जाएं, क्योंकि किसानों के हितों की रक्षा करना सरकार की प्राथमिकता है।
बैठक में प्रशासकीय सचिव कृषि डॉ. बसंत गर्ग, विशेष सचिव सुश्री बलदीप कौर, कृषि आयुक्त सुश्री बबिता, निदेशक श्री जसवंत सिंह और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
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