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यूपीएल मूंगफली खेती करने वाले किसानों के लिए सदा समृद्ध प्रोग्राम जारी रखेगी

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Sameer-Tandon1

7 जून 2021, अहमदाबाद। यूपीएल मूंगफली खेती करने वाले किसानों के लिए सदा समृद्ध प्रोग्राम जारी रखेगी – यूपीएल लि., ने गुजरात में अपने प्रोन्यूटिवा सदा समृद्ध मूंगफली कार्यक्रम को जारी रखने की घोषणा की। इस प्रोग्राम का उद्देश्य कृषि से जुड़ी टिकाऊ पद्धतियों को लागू करके मूंगफली के पैदावार एवं इसकी गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। टिकाऊ पद्धतियों में उचित प्रशिक्षण, तकनीकी हस्तक्षेप और कृषि यंत्रीकरण का सहारा लिया जाता है। इस प्रोग्राम से आगामी तीन वर्षों में गुजरात के 10 लाख से अधिक मूंगफली किसानों को लाभ पहुंचने का अनुमान है। इससे न केवल पैदावार एवं आय बढ़ेगी बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
श्री समीर टंडन यूपीएल लि. के आसियांज के क्षेत्रीय प्रमुख – यूपीएल उन किसानों के कल्याण और समृद्धि के लिए समर्पित है जो हमारे प्रमुख हितधारक हैं। भारत के सबसे बड़े मूंगफली उत्पादक राज्य गुजरात के किसानों को सफेद सुंडी संक्रमण, जल प्रबंधन, मिट्टी के पोषक तत्वों की कमी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। हम, प्रोन्यूटिवा सदा समृद्धि कार्यक्रम के माध्यम से टिकाऊ और वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करके किसानों की उपज बढ़ाने और उनकी आय क्षमता को अनलॉक करने का लक्ष्य रखते हैं। 

  • मूंगफली की खेती करने वाले किसानों के लिए टिकाऊ कृषि को बढ़ावा दिया
  • अधिक पैदावार और आमदनी के जरिए मूंगफली की खेती करने वाले प्रदेश भर के किसान लाभान्वित हुए
  • ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे गुजरात, भारत में मूंगफली का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है।

पहला पायलट कार्यक्रम 8,500 किसानों के साथ वर्ष 2020 में गुजरात के प्रमुख मूंगफली क्षेत्रों में शुरू किया गया था, जिससे उनकी पैदावार और आय को दोगुना करने में मदद मिली। ग्लोबल कंसलटेंट फर्म ग्रांट थॉर्नटन ने आकलन कर निष्कर्ष निकाला है कि पायलट कार्यक्रम से प्रति वर्ग मीटर पौधों और प्रति पौधे अधिक फूल और फली के मामले में समग्र उपज में वृद्धि हुई। मूल्यांकन ने उन क्षेत्रों की तुलना में प्रति एकड़ उत्पादन लागत में कमी का भी सुझाव दिया जहां पायलट लागू नहीं किया गया था। रिपोर्ट में फली की उपज में 132 प्रतिशत, चारे की उपज में 125 प्रतिशत और तेल की उपज में 26 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। प्रति एकड़ उपज से राजस्व में लगभग 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और प्रति एकड़ उत्पादन की लागत में लगभग 26 प्रतिशत की कमी आई है।

प्रोन्यूमटिवा कार्यक्रम (Pronutiva Sada Samrudh)

यूपीएल लि. किसानों को प्रोन्यूमटिवा कार्यक्रम में शामिल कर रहा है- जो पारंपरिक और जैव-समाधान उत्पादों और विविध सेवाओं- के कॉम्बिनेशन के साथ एक समाधान पोर्टफोलियो है। कार्यक्रम के अंतर्गत, यूपीएल गांवों में सफेद सुंडी के लिए स्वच्छता, रोजगार, छिड़काव सेवा भी प्रदान करेगा और अपने मोबाइल एप्लिकेशन nurture.farm   को उपलब्ध करायेगा। कार्यक्रम में उपयोग किए जाने वाले सबसे नवीन समाधानों में से एक पेटेंट तकनीक जेबा है, जो जल और पोषक तत्वों को अवशोषित करती है और जब पौधे को इसकी आवश्यकता होती है तो इसे पौधे को छोड़ देता है।

जूनागढ़ के एक मूंगफली किसान महेशभाई कोटडिया, ने अपने अनुभव साझा करते हुए हुए कहा, मैंने पिछले साल प्रोन्यूटिवा सॉल्यूशंस का इस्तेमाल किया जिससे मुझे मूंगफली की उच्च गुणवत्ता और बेहतर उत्पादन प्राप्त करने में मदद मिली। ज़ेबा टेक्नोलॉजी का उपयोग मददगार साबित हुआ क्योंकि इससे पानी का कम उपयोग होता था और खेतों में इस्तेमाल होने वाला उर्वरक न्यूनतम था।

अमेरली के, दिनेश भाई रूपाला ने बताया, मैंने यूपीएल प्रोन्यूटिवा प्रोग्राम की मदद से खेती करना शुरू किया। फसल लगाने से लेकर फसल की कटाई तक का अनुभव शानदार रहा है प्रोन्यूटिवा समाधानों के उपयोग के बाद उत्पादन 600 कि.ग्रा. से बढ़कर 1100 कि.ग्रा. हो गया है।

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