कम्पनी समाचार (Industry News)

यूपी में धानुका की राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित: 200+ किसानों को मिला मक्का-दलहन की स्मार्ट खेती का प्रशिक्षण

22 जुलाई 2025, नई दिल्ली: यूपी में धानुका की राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित: 200+ किसानों को मिला मक्का-दलहन की स्मार्ट खेती का प्रशिक्षण – धानुका एग्रीटेक लिमिटेड ने उत्तर प्रदेश के कासगंज में एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का विषय था “किसानों को सशक्त बनाना: मक्का और दलहन की उन्नत खेती में आधुनिक तकनीकें”, जिसका उद्देश्य किसानों को टिकाऊ और लाभकारी खेती के लिए नई तकनीकों से अवगत कराना था। इस कार्यक्रम में 200 से अधिक किसान शामिल हुए और देश के प्रमुख कृषि विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त किया।

मक्का को बताया ‘वंडर क्रॉप’

कार्यशाला में किसानों को मक्का और दलहन की खेती में नई तकनीकों, बेहतर कृषि पद्धतियों और फसल विविधीकरण के फायदों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने बताया कि मक्का को “वंडर क्रॉप” के रूप में अपनाया जा रहा है क्योंकि यह लाभकारी होने के साथ-साथ तेजी से बढ़ती घरेलू और औद्योगिक मांग को पूरा करता है। मुख्य वक्ता डॉ. सैनी दास ने मक्का की खेती की वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाओं पर अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि उन्नत वैज्ञानिक विधियों को अपनाकर किसान अपनी आय को काफी हद तक बढ़ा सकते हैं। उन्होंने मक्का उत्पादन की तकनीकें और बाजार की मांग के बारे में जानकारी साझा की।

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किसानों को दिए वैज्ञानिक खेती के टिप्स

डॉ. आर.जी. अग्रवाल ने कहा कि टिकाऊ कृषि के लिए समग्र फार्म प्रबंधन जरूरी है। उन्होंने मिट्टी और पानी की जांच, सही इनपुट का संतुलित इस्तेमाल, और उत्पादों की असली पहचान के लिए QR कोड की जांच पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने जल संरक्षण और वृक्षारोपण जैसे प्रयासों को बढ़ावा देने की अपील की। मक्का में कीट और रोग की आम समस्याओं का समाधान बताते हुए उन्होंने धानुका द्वारा विकसित पर्यावरण-अनुकूल फसल सुरक्षा उत्पाद और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स के उपयोग की सलाह दी।

डॉ. ए.के. सिंह ने अपने मुख्य संबोधन में मक्का जैसी अहम फसल पर केंद्रित आयोजन के लिए धानुका की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज देश की कृषि में काफी प्रगति हुई है, लेकिन जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों के प्रति सतर्क रहना जरूरी है। उन्होंने बीज की गुणवत्ता को सबसे अहम इनपुट बताया और नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अब ग्रामीण GDP, शहरी GDP के लगभग बराबर पहुंच चुकी है, जो किसानों की समृद्धि का संकेत है। उन्होंने धानुका के उत्पाद Sempra की सराहना की, जो मक्का में मोटा घास (Motha weed) के नियंत्रण में प्रभावी है। उन्होंने किसानों से वैज्ञानिकों की सलाह मानने, फसल विविधीकरण को अपनाने और देश की कृषि अनुसंधान प्रणाली पर विश्वास रखने का आह्वान किया।

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धानुका ने बताए खेती में काम आने वाले आधुनिक प्रोडक्ट्स

धानुका एग्रीटेक के श्री प्रवीण कुमार ने मक्का और दलहन की फसल में उपयोग होने वाले उन्नत उत्पादों की जानकारी दी। इसमें इम्पलोड, मेसोट्रैक्स, सेम्प्रा जैसे खरपतवार नियंत्रण के लिए उपयोगी उत्पादों के बारे में बताया गया। साथ ही कवर, लार्गो से कीट प्रबंधन और कोनीका, गोडिवा सुपर से रोग नियंत्रण के तरीकों पर चर्चा की गई।ये सभी उत्पाद किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं और आधुनिक, किफायती समाधान प्रदान करते हैं।

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किसानों की आमदनी बढ़ाना धानुका उद्देश्य

धानुका एग्रीटेक का कहना है कि वह किसानों की आमदनी दोगुनी करने और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने के लिए देशभर में ऐसे जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। कंपनी ने ICAR और देश के 15 कृषि विश्वविद्यालयों के साथ समझौता कर खेती में नए प्रयोगों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने का संकल्प लिया है।

कार्यशाला में शामिल हुए कृषि जगत के बड़े नाम

कार्यक्रम में चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (CSAU&T) के कुलपति डॉ. ए.के. सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि आईसीएआर-भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ. सैनी दास मुख्य वक्ता रहे। इनके अलावा, डॉ. आर.के. यादव (निदेशक, विस्तार, CSAU&T), डॉ. अजय कुमार सिंह (प्रधान वैज्ञानिक, ATARI, कानपुर), डॉ. आर.जी. अग्रवाल (चेयरमैन एमेरिटस, धानुका एग्रीटेक), तथा कासगंज और रायबरेली के कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) के प्रमुखों ने भी कार्यशाला में हिस्सा लिया।

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