मत्सूरी को अपनाएं, चैन की बांसुरी बजाएं
इंदौर। भारत इंसेक्टीसाइड्स लि. और जापान की कम्पनी निसान केमिकल्स ने धान की फसल के सबसे घातक रोग शीथ ब्लाईट के लिए एक नया उत्पाद मत्सूरी पेश किया है। जिसका उपयोग कर किसान चैन की बांसुरी बजा सकते हैं।
बता दें कि कार्बोहाइड्रेट के सबसे अच्छे स्रोत धान का उत्पादन दुनिया का सर्वाधिक 90 प्रतिशत उत्पादन एशिया में होता है। धान की फसल में यूँ तो कई रोग लगते हैं, लेकिन शीथ ब्लाईट फफूंदजनित सबसे घातक रोग है, जिसके कारण धान की फसल सूखने से उत्पादकता और गुणवत्ता दोनों प्रभावित होती है। इस समस्या के समाधान हेतु भारत इंसेक्टीसाइड्स लि. ने जापान की कम्पनी निसान केमिकल्स के साथ मिलकर एक नया उत्पाद मत्सूरी प्रस्तुत किया है। फफूंदजनित रोग शीथ ब्लाईट के लिए मत्सूरी एक अंत:प्रवाही फफूंदनाशक है। जो रोग होने से पहले और बाद में भी कार्य कर लम्बे समय तक प्रभावकारी नियंत्रण देता है। इससे पौधे के तने पकने तक हरे और मजबूत रहते हैं। यह पौधों का जीवनचक्र पूर्ण करने में भी मदद करता है।
मत्सूरी की खासियत यह है कि इसे अन्य किसी भी फफूंदनाशक एवं कीटनाशक के साथ मिलाकर छिड़काव किया जा सकता है। इसका पहला छिड़काव 40-45 दिन और व दूसरा 60 -75 दिनों में 150 मि.ली/एकड़ की दर से करना चाहिए। शीथ ब्लाईट खेतों के किनारों पर ज्यादा फैलती है, इसलिए पहले वहां और इसके बाद सामान्य तरीके से छिड़काव करना चाहिए। मत्सूरी शीथ ब्लाईट का समुचित समाधान है, जिसका प्रयोग कर किसान चैन की बांसुरी बजा सकते हैं।