राज्य कृषि समाचार (State News)उद्यानिकी (Horticulture)

उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा लेकिन उज्जैन को ही बजट आठ गुना कम मिला

17 अक्टूबर 2024, उज्जैन: उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा लेकिन उज्जैन को ही बजट आठ गुना कम मिला – सूबे की मोहन सरकार भले ही जिले के साथ ही पूरे प्रदेश में उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा दे रही हो लेकिन बावजूद इसके उद्यानिकी विभाग के अफसरों ने सरकार की इस मंशा पर पानी फेर रखा है। यदि उज्जैन की ही बात करें तो यहां का उद्यानिकी रकबा भोपाल से दस गुना ज्यादा है बावजूद इसके बजट आठ गुना कम दिया गया है और इस मामले की शिकायत अब सीएम डॉक्टर मोहन यादव तक पहुंच चुकी है।

 उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिए गठित उद्यानिकी विभाग का विवादों से नाता कम होने का नाम नहीं ले रहा है। दरअसल, विभाग के अफसर लगातार ऐसी करतूत करते रहते हैं, जिससे विभाग की बदनामी तो होती ही है, साथ ही किसानों को भी नुकसान होता है। ताजा मामला माइक्रो इरीगेशन योजना के तहत जिलों को बजट आवंटन का है। अफसरों ने जिलों को बजट आवंटन में गड़बड़ी करते हुए उन सात जिलों को माइक्रो इरीगेशन योजना का 90 फीसदी बजट आवंटित कर दिया है जहां उद्यानिकी फसलों की खेती का रकबा कम है। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंच गई है। जानकारी के अनुसार प्रदेश के 45 जिलों में उद्यानिकी फसलों की सर्वाधिक खेती होती है। इन जिलों के कारण ही मप्र उद्यानिकी में देश में अपना स्थान बनाए हुए हैं। लेकिन विडंबना यह देखने को मिल रही है कि उद्यानिकी महकमे की माइक्रो इरीगेशन योजना में अजब-गजब बजट आवंटन किया गया है। प्रदेश के जिन 45 जिलों में उद्यानिकी रकबा 80 प्रतिशत तक है, उनको महज 10 प्रतिशत और जिन 7 जिलों में 20 प्रतिशत ही उद्यानिकी रकबा है, वहां 90 प्रतिशत बजट आवंटित कर दिया गया। संचालनालय उद्यानिकी के बजट आवंटन के सामान्य मद में लक्ष्य के विरुद्ध बजट राशि 10.41 करोड़ रुपए 52 जिलों के लिए स्वीकृत हुए।   इसमें 7 जिलों में सामान्य मद को 90 प्रतिशत राशि और बाकी के 45 जिलों में मात्र 10 प्रतिशत राशि दी गई है। उद्यानिकी विभाग के प्रमुख सचिव अनुपम राजन का कहना है कि भोपाल जिले के लिए 4 करोड़ और उज्जैन जिले के लिए 6 लाख रुपए के आवंटन का परीक्षण करवाएंगे। साथ ही क्लास-2 ओएसडी द्वारा आईएएस संचालक उद्यानिकी को लिखे गए निर्देशात्मक/ आदेशात्मक पत्र को भी दिखाते हैं।

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