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सर्दियों में सभी का पसंदीदा फल सीताफल

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14 नवम्बर 2022, भोपालसर्दियों में सभी का पसंदीदा फल सीताफल – सर्दी की दस्तक शुरू होते ही बाजार में सीताफल की आवक शुरू हो जाती है। फल बाजार या ग्रामीण विक्रेताओं द्वारा सडक़ किनारे टोकनियों में सजे सीताफल सभी का ध्यान आकर्षित करते हैं। सीताफल एक स्वादिष्ट फल है। इसका वैज्ञानिक नाम एनोना स्क्वैमोसा है। मध्यप्रदेश में उद्यानिकी विभाग द्वारा एक जिला एक उत्पाद के तहत सीताफल के लिए सिवनी, धार और अलिराजपुर जिलों का चयन किया गया है। सीताफल में कई पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं और कई रोगों से बचाते हैं। इसीलिए सीताफल सर्दियों में सभी का पसंदीदा फल बन जाता है।

यूँ तो मध्यप्रदेश में प्राय: हर जिले में सीताफल का उत्पादन होता है, लेकिन सिवनी का सीताफल सर्वाधिक लोकप्रिय है। इस जिले के सीताफल को ‘सिवनी जम्बो सीताफल’ के ब्रांड नाम से पहचाना जाता है। छपारा ब्लॉक के सीताफल की सबसे अधिक मांग है। महाराष्ट्र के मुंबई, नागपुर, गुजरात, उत्तरप्रदेश के व्यापारी सीधे तौर पर यहाँ आकर ग्रामीणों से बड़े आकार के फल खरीदकर ले जाते हैं। यहां से वे उसे विदेशों में भेजते हैं। सिवनी के अलावा अलिराजपुर और धार जिले के सीताफल भी प्रसिद्ध है। सीहोर जिले में देसी सीताफल अधिक उत्पादित होता है।

इन दिनों सीताफल की बहार आई हुई है। धार-मांडू-मानपुर क्षेत्र में ग्रामीण विक्रेता सडक़ किनारे टोकनियों में सीताफल बेचते देखे जा सकते हैं। यह इन दिनों इन लोगों की आजीविका का माध्यम बन जाता है। हालाँकि सीताफल के लिए अन्य चयनित जिलों में भी सीताफल का उत्पादन बढ़ाने के लिए कोशिशें जारी हैं, लेकिन सीताफल की फसल को लेकर सिवनी जिला संजीदा है। केंद्र सरकार की ‘एक जिला एक उत्पाद’ योजना में सिवनी जिले को सीताफल उत्पाद के लिए चुने जाने के बाद सीताफल का रकबा बढ़ाने के प्रयास तेज हो गए हैं। यहाँ करीब 650 हेक्टेयर क्षेत्र में सीताफल का उत्पादन होता है। फिलहाल जंगली क्षेत्रों में ही सीताफल के पौधे हैं। सीताफल से पांच हजार परिवारों का रोजगार जुड़ा हुआ है। प्रतिवर्ष एक से डेढ़ लाख रुपए की आय होती है। सीताफल जिले के छपारा तहसील में ज़्यादा पैदा होता है, जो कि फल गुणवत्ता एवं स्वाद के लिए जाना जाता है। प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना से सीताफल का उत्पादन बढ़ेगा।

धार जिले के ग्राम राजोद के सीताफल उत्पादक किसान श्री मोहन मदारिया ने कृषक जगत को बताया कि इस बार बहार अच्छी है। एनएमके-1 सुपर गोल्डन के  पेड़ों से अब तक 10-10 किलो के 200 बॉक्स बेच चुके हैं। हमारे यहाँ से स्थानीय खरीदार 60-65 रुपए प्रति किलो के दाम में खरीद रहे हैं। वहीं खरगोन जिले की महेश्वर तहसील के ग्राम इटावदी के सीताफल उत्पादक किसान श्री मोहन पाटीदार ने कृषक जगत को बताया कि एनएमके-1 सुपर गोल्डन की कटाई 15 नवंबर से शुरू हो जाएगी। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष मांग ज़्यादा है। मंडी में ही इस  ब्रांड के बड़े फल 120-150 रुपए किलो बिक रहे हैं। दो सालों से सीताफल की घर पहुँच सेवा का अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। ऐसे में माल की मंडी में पूर्ति करने में परेशानी आ सकती है।

सीता फल के गुण 

सीताफल में कई पोषक तत्व होते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं और कई रोगों से बचाते हैं। सीताफल में  मैग्नीशियम होता है। मैग्नीशियम शरीर में पानी के संतुलन को बनाए रखने में सहायक होता है। दांतों के लिए भी सीताफल फायदेमंद है। 

सीताफल में सोडियम और पोटेशियम होते हैं, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मददगार हैं। यह  एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण वाला फल है जो अस्थमा के जोखिम को कम करता है। यह हार्ट अटैक के खतरे को भी कम करता है। सीताफल में विटामिन-बी6 की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है, जो पाचन प्रक्रिया को बेहतर रखता है, यह फाइबर की पूर्ति भी करता है, जिससे  कब्ज की समस्या नहीं रहती है। सीताफल में एंटी-डायबिटिक गुण पाया जाता है। यह ब्लड ग्लूकोज के स्तर में सुधार करता है और डायबिटीज की जोखिम को भी रोकने में प्रभावकारी है। यह हाई ब्लड प्रेशर के कारण हृदय रोग और स्ट्रोक के खतरे को भी कम कर सकता है। इसमें नियासिन विटामिन की मात्रा पाई जाती है, जो कोलेस्ट्रोल के स्तर को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है। फोलेट की कमी और एनीमिया के जोखिम से बचाव के लिए फोलेट युक्त सीताफल का सेवन लाभकारी हो सकता है। सीताफल में विटामिन-सी की मात्रा पाई जाती है। विटामिन-सी त्वचा को सूर्य की हानिकारक पैराबैंगनी किरणों से बचाने में मदद कर सकता है, साथ ही सीताफल में जिंक, कैल्शियम व मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो बालों के लिए लाभदायक हो सकते हैं।

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