छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना के 9 करोड़ 80 लाख रुपए वितरित
मुख्यमंत्री के सामने पटेल, कोटवार और होमगार्ड के जवानों ने रखी दिल की बात
11 मई 2023, रायपुर । छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना के 9 करोड़ 80 लाख रुपए वितरित – मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के सामने प्रदेश भर से आए कोटवार, होमगार्ड के जवान और ग्राम पटेलों स्वावलंबी गौठान समिति के अध्यक्ष-सदस्यों ने खुलकर अपने दिल की बात रखी और मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को गज माला पहनाकर उनका सम्मान किया। सभी ने कहा कि श्री बघेल ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने हमारी तकलीफ को समझा और मानदेय बढ़ाकर हमें बड़ी सौगात दी है।
आभार सम्मेलन में मुख्यमंत्री की घोषणाएं
- 5000 आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण किया जाएगा
- पूरे प्रदेश में 14 नवंबर को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका का सम्मान किया जाएगा
- सक्षम योजना के अंतर्गत 1 लाख वार्षिक आय की सीमा को बढ़ाकर दो लाख किया जाएगा
- महिला स्व सहायता समूह को अधिकतम 4 लाख ऋण की सीमा को बढ़ाकर 6 लाख रूपए किया जाएगा
कार्यक्रम में गौठान संचालन समिति के अध्यक्ष और सदस्यों ने भी मानदेय मिलने की शुरुआत होने पर खुशी जताई और गोबर पेंट से बनी मुख्यमंत्री की पेंटिंग भेंटकर और खुमरी पहनाकर उनका आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में स्वावलंबी गौठान संचालन समिति के अध्यक्ष-सदस्यों को 1 करोड़ 56 लाख रूपए की राशि और गोधन न्याय योजना के तहत गोबर 9 करोड़ 80 लाख रूपए की राशि अंतरित की, इसमें गोबर विक्रेताओं के लिए 3 करोड़ 80 लाख तथा गौठान समिति एवं स्व-सहायता समूहों के लिए 6 करोड़ रूपए शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रयास किया जाए कि गांवों में निरंतर गोबर की खरीदी हो और गांवों में एकत्रित होने वाले गोबर में से 50 प्रतिशत गोबर की खरीदी हो, इससे हमारे पशुपालक समृद्ध होंगे और गोबर पेंट और बिजली बनाने के लिए पर्याप्त मात्रा में गोबर उपलब्ध हो। जिन गौठानों में प्रतिदिन 5 क्विंटल की खरीदी होगी, वहां पर उद्योगपतियों को गोबर से बिजली बनाने का संयंत्र लगाने की सुविधा मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम शासन के महत्वपूर्ण अंग पटेल, कोटवार, होम गार्ड और गौठान समिति के अध्यक्ष-सदस्यों से भी रू-ब-रू हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इनके बिना सुचारू रूप से प्रशासन के संचालन की कल्पना नहीं कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमारी सरकार बनी, तो उस समय गांव में कृषि यंत्रों के उपयोग से लागत बढ़ रही थी, रकबा कम हो रहा था। पशुओं के अनियंत्रित चराई की समस्या से भी हमारे गांव जूझ रहे थे। तब हमने गौठान की संकल्पना की शुरूआत की, ताकि गांव में पशु एक-दूसरे के खेतों में प्रवेश न करें और उनका सदुपयोग हो। हमने पंचायतों में गौठान बनाना शुरू किया। आज 10 हजार से अधिक गौठान बन गए हैं, जिसमें 5 हजार से अधिक गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं। इन गौठानों में गोबर खरीदी हो रही है। वर्मी कम्पोस्ट बन रहे है और साथ ही अन्य गतिविधियों के साथ यहां गोबर पेंट और बिजली बनाने के काम हो रहा है। कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि हमने छत्तीसगढ की 98 प्रतिशत जनता को सम्मान करने के लिए 1 मई को बोरे-बासी दिवस मनाया। उन्होंने कहा कि हमने पटेल और कोटवारों को सम्मान दिया है और गांव के समितियों में पटेल को शामिल करने का निर्देश दिया गया है।
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