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प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में अनुदान एवं सहायता का प्रावधान

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14 मार्च 2024, सीहोर: प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में अनुदान एवं सहायता का प्रावधान – सीहोर जिले में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। योजनान्तर्गत मत्स्य पालन से जुडे कृषकों अथवा मात्स्यिकी से जुड़ने के लिए इच्छुक व्यक्तियों से आवेदन आमंत्रित किये गये  हैं । इस संबंध में सहायक संचालक मत्स्योद्योग ने विभाग के मत्स्य निरीक्षकों को निर्देश दिये है कि योजना के क्रियान्वयन के लिए जिले में व्यापक प्रचार प्रसार किया जाना सुनिश्चित करें। योजना का अपने प्रभार के विकासखण्डों में आवेदन प्राप्त कर कार्यालय में प्रस्तुत करें। आवेदनकर्ताओं को यह भी सूचित करें  कि  जिला स्तर की समिति के प्रशासनिक अनुमोदन के पश्चात ही इसे अंतिम रूप दिया जावेगा।      

मुख्य ध्येय मछली उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि –  भारत सरकार के मात्स्यिकी विभाग के लिये योजना प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना क्रियान्वित की  जा रही है। योजना का मुख्य ध्येय मछली उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि, गुणवत्ता, तकनीकी, आधारभूत संरचना एवं प्रबंधन के अंतर को कम करना, मूल्य श्रृंखला का आधुनिकीकरण एवं सुदृढीकरण, मजबूत मत्स्य पालन-प्रबंधन ढांचा की स्थापना एवं मछुआरों का कल्याण है , जिससे मछुआरों एवं मत्स्य कृषकों की आय दोगुनी होगी और इस प्रकार यह सामाजिक, भौतिक एवं आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने में सहायक होगा।

मत्स्य बीज उत्पादन के लिए  प्रयास – योजना के अन्तर्गत मत्स्य बीज उत्पादन के लिए नए मत्स्य हैचरी की स्थापना, नवीन मत्स्य बीज संवर्धन के लिए रियरिंग पोखर, तालाब का निर्माण, नवीन तालाब का निर्माण, मिश्रित मत्स्य पालन, पंगेशियस, तिलापिया मछली पालन के लिए इनपुट्स की व्यवस्था, जलाशय में मत्स्य अंगुलिकाओं का संचयन, रंगीन मछली के ब्रीडिंग एवं रियरिंग के लिए इकाई की स्थापना, आरएएस की स्थापना, बायोफलाक्स की स्थापना, जलाशयों  में केज कल्चर की स्थापना कर मत्स्य पालन पर, पेन कल्चर पर अनुदान,मत्स्य कोल्ड स्टोरेज/आईस प्लांट का निर्माण अथवा आधुनिकीकरण पर, रेफ्रिजेरेटेड वाहन क्रय पर, इंसुलेटेड वाहन क्रय पर, आईस बाक्स युक्त मोटरसाइकिल क्रय पर, मछली बिक्री के लिए ई-रिक्शा क्रय पर अनुदान  दिया जा रहा है।

झींगा पालन को बढ़ावा देने पर जोर – मछली पालन के साथ झींगा पालन को भी बढ़ावा देने का प्रयास  किए  जा  रहे हैं । झींगा पालन से रोजगार के साथ लोगों की आय में भी वृद्धि होगी। झींगा पकड़ने के लिए 35 रुपए प्रति किलो मिलने वाली मजदूरी को बढ़ाकर अब 50 रूपये किया जाएगा। इससे झींगा व्यवसाय से जुड़े मजदूरों को लाभ पहुँचेगा। झींगा पालन को बढ़ावा देने के साथ ही योजना में स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने और योजना का लाभ देने के निर्देश दिए हैं।

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