सरकारी योजनाएं (Government Schemes)राज्य कृषि समाचार (State News)

जलीय कृषि करने वाले किसानों को मिलता है 40 फीसदी बीमा

20 मार्च 2025, भोपाल: जलीय कृषि करने वाले किसानों को मिलता है 40 फीसदी बीमा – मत्स्यपालन विभाग, वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2026-27 तक चार वर्षों के लिए वर्तमान प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत प्रधान मंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना नामक एक नई केंद्रीय क्षेत्र उप-योजना को कार्यान्वित कर रहा है और इसका अनुमानित व्यय 6000 करोड़ रुपए है, जिसमें 3000 करोड़ रुपए सार्वजनिक वित्त और शेष 3000 करोड़ रुपए निजी निवेश से है। यह जानकारी मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री, श्री जॉर्ज कुरियन ने राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।

उन्होंने बताया कि पीएम-एमकेएसएसवाई के घटक के तहत किसानों द्वारा जलीय कृषि बीमा खरीदने के लिए एकमुश्त प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है। पीएम-एमकेएसएसवाई के अंतर्गत दो प्रकार के बीमा उत्पाद उपलब्ध हैं: (द्ब) मूल बीमा जो गैर-रोकथाम योग्य खतरों के कारण उपज के नुकसान को कवर करता है, जैसे कि गर्मी के कारण होने वाली मौतें, प्रदूषण, भूकंप, चक्रवात, बाढ़, अन्य प्राकृतिक आपदाएं, दंगे, जहर सहित थर्ड पार्टी के दुर्भावनापूर्ण कार्य, फार्म के स्ट्रक्चरल डैमेज के कारण क्रॉप का नुकसान आदि। (द्बद्ब) व्यापक बीमा जो मूल बीमा के अंतर्गत खतरों और बीमारियों आदि के कारण होने वाले अतिरिक्त खतरों को कवर करता है। जलकृषि बीमा के लिए एकमुश्त प्रोत्साहन भुगतान किए गए प्रीमियम के 40त्न की दर से 25,000 रुपए प्रति हेक्टेयर या 4 हेक्टेयर जल विस्तार क्षेत्र (डब्ल्यूएसए) के लिए प्रति किसान 1 लाख रुपए तक की सीमा के साथ प्रदान किया जाता है। गहन प्रणालियों सहित जलकृषि प्रणालियों जैसे कि फार्म, केज कल्चर, आरएएस, बायो-फ्लोक और रेसवे आदि के लिए प्रति किसान को 1800 मी. के लिए 1 लाख रुपए तक की सीमा के साथ भुगतान किए गए प्रीमियम पर 40त्न की दर से जलकृषि बीमा प्रदान किया जाता है।

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