State News (राज्य कृषि समाचार)

आगर की कृषक संगोष्ठी में मिली जीवामृत बनाने की जानकारी

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07 दिसम्बर 2022, आगर: आगर की कृषक संगोष्ठी में मिली जीवामृत बनाने की जानकारी – किसान संगोष्ठी ग्राम पचोरा विकासखंड आगर में आयोजित हुई । प्रशिक्षण में कृषकों को  प्राकृतिक खेती के गुण बताए गए . वेद प्रकाश सेन विकास खण्ड तकनीकी प्रंबंधक आगर मालवा द्वारा कृषको को प्राकृतिक खेती के आधारभूत स्तम्भ बीजामृत, जीवामृत, घनजीवामृत, नीमास्त्र, ब्राम्हास्त्र  की जानकारी दी .

जीवामृत बनाने की विधि.

10 किलो देसी गाय का गोबर ; 10 लीटर गोमूत्र ; 1 किलो गुड़ ;  1 किलो बेसन ;आधा किलो बरगद के पेड़ की मिट्टी एवं 180 लीटर पानी समस्त सामग्री को 200 लीटर प्लास्टिक के ड्रम में डालने के बाद 3 दिनों तक सुबह और शाम लकड़ी के डंडे की सहायता से घड़ी की दिशा में चलाने पर जीवामृत बनकर तैयार हो जाता है जो कि 1 एकड़ खेत के लिए पर्याप्त है .गेहूं की फसल में जीवामृत का प्रयोग सिंचाई करते समय करना चाहिए साथ ही खड़ी फसल पर जीवामृत का पहला छिड़काव बुवाई के 21 दिन बाद प्रति एकड़ 100 लीटर पानी और 50 लीटर छाना हुआ जीवामृत मिलाकर छिड़काव करें दूसरा छिड़काव 40.50 दिन बाद प्रति एकड़ 100 लीटर पानी और 10 लीटर छाना जीवामृत मिलाकर छिड़काव करें तीसरा छिड़काव 60-65 दिन बाद प्रति एकड़ 200 लीटर पानी और 20 लीटर जीवामृत मिलाकर छिड़काव करें साथ ही आखरी छिड़काव दाने दूध की अवस्था में प्रति एकड़ 200 लीटर पानी और 5 लीटर खट्टी छाछ मिलाकर छिड़काव करें.

 कृषि विज्ञान केन्द्र  के डॉ आर पी एस शक्तावत कृषि वैज्ञानिक द्वारा रबी फसल गेहूं पर बुआई एवं बीज उपचार उन्नतशील किस्मों की जानकारी दी व रबी फसलों की तकनीकी जानकारी दी। इफको के क्षेत्रीय प्रबंधक महेंद्र पटेल ने नैनो यूरिया के उपयोग एवं महत्व पर प्रकाश डाला.  राघवेंद्र तोमर कृषि विशेषज्ञ डीएससी ने जैविक खेती की विधियां बताइ कृषि विशेषज्ञ अनिल राजपूत पंकज शर्मा बजरंग नागर द्वारा प्रधानमंत्री खाद्य सूक्ष्म उन्नयन योजना आदि योजनाओं से किसानों का मार्गदर्शन किया।संगोष्ठी मे ग्राम के कुल 50 कृषको ने प्रशिक्षण प्राप्त किया कार्यक्रम का संचालन वेदप्रकाश सेन विकासखण्ड तकनिकी प्रबंधक एव दुलेसिंह मालवीय पूर्व किसान मित्र ने आभार व्यक्त किया।

महत्वपूर्ण खबर: कपास मंडी रेट (05 दिसम्बर 2022 के अनुसार)

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