गेहूं की फसल में जिंक की कमी के लक्षण
26 नवंबर 2021, गेहूं की फसल में जिंक की कमी के लक्षण –
समाधान- गेहूं में जिंक की कमी के कारण फसल की बढ़वार एक समान नहीं रहती, पौधे छोटे रह जाते हैं और पत्तियाँ पीले हरे रंग की रहती हैं।
Advertisement
Advertisement
अधिक चूने वाली रेतीली तथा क्षारीय चिकनी मिट्टी इससे अधिक प्रभावित होती है।
- अधिक पी.एच. की दशा में जिंक की कमी अधिक मिलती है।
- आरंभ में नई व मध्य की पत्तियों में मध्य शिरा व किनारों के बीच पीले धब्बे दिखाई देते हैं जो लंबाई में फैलते हैं। अंत में ये पीले भूरे या भूरे रंग में परिवर्तित हो जाते हैं।
- जिंक की कमी के कारण फसल पकने में अधिक समय लेती है।
- जिन खेतों में जिंक की कमी हो वहां 20 किलो जिंक प्रति हेक्टर के मान से पहली जुताई के समय दे देना चाहिये। यह 3-4 वर्ष के लिये इसकी आपूर्ति कर देगा।
- यदि खड़ी फसल में जिंक की कमी दिखे तो अंकुरण के 3 व 5 सप्ताह बाद। 1 किलो जिंक सल्फेट (हेप्टाहाईड्रेट)+1 किलो यूरिया का 100 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडक़ाव करें, इसमें चिपकने वाला पदार्थ अवश्य मिलाये।
अनुसंधान केंद्र मुरैना द्वारा सोयाबीन की नई किस्म आरवीएसएम 2011-35 विकसित
Advertisement8
Advertisement


