समस्या- गेहूं में जिंक (जस्ते) की कमी के क्या लक्षण हैं। खड़ी फसल में इसे कैसे दें।
लेखक: अनिल पाटीदार
09 दिसंबर 2024, भोपाल: समस्या- गेहूं में जिंक (जस्ते) की कमी के क्या लक्षण हैं। खड़ी फसल में इसे कैसे दें। – समाधान – गेहूं में जस्ते की कमी के कारण पौधों की ऊंचाई घट जाती है और पत्तियां छोटी पड़ जाती हैं।
- पौधों की बीच की पत्तियों में सफेद भूरे धब्बे आ जाते हैं।
- अधिक कमी होने पर पत्तियां सफेद पड़ कर मर जाती हैं I
- इसकी कमी के लक्षण कठिया गेहूं की जातियों में अधिक स्पष्ट दिखाई देते हैं।
- जिंक की कमी को खेत में जिंक सल्फेट देने से दूर किया जा सकता है। इसकी मात्रा 10 से 20 किलो प्रति एकड़ तक इसकी कमी अनुसार दी जा सकती है।
- खड़ी फसल में जिंक सल्फेट के 0.5 प्रतिशत घोल का छिड़काव बुआई के 30 दिन बाद करें तथा इसे 15 दिन बाद पुन: दोहरायें।
- घोल बनाने के लिये एक किलो जिंक सल्फेट और 0.5 (आधा) किलो बिना बुझा चूने को 200 लीटर पानी में घोल लें। लोहे के चाकू से यह देख लें कि घोल उदासीन है। यह घोल एक एकड़ के लिये पर्याप्त होगा।
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