Farming Solution (समस्या – समाधान)

समस्या – समाधान

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समस्या – तरबूज व खरबूज को खाद की कितनी मात्रा व कब देनी चाहिए।
– प्रेमस्वरूप पाटीदार, सिवनी-मालवा
समाधान – तरबूज व खरबूज की अच्छी फसल लेने के लिये लगभग वही आवश्यकतायें रहती हंै जो कद्दूवर्गीय सब्जियों के लिये रहती है। इसके लिये 250 क्विंटल अच्छी सड़ी गोबर खाद के साथ 80 किलोग्राम फास्फोरस तथा पोटाश 40 किलोग्राम प्रति हेक्टर लगेगा। गोबर खाद, नत्रजन की आधी मात्रा व फास्फोरस तथा पोटाश की पूरी मात्रा, बीज बोने के पूर्व थालों में अच्छी तरह मिलाकर लें।
– नत्रजन की बची 40 किलो मात्रा को दो बार 20-20 किलो बुआई के 30 व 50 दिन बाद फूल आने के समय दे।
– तरबूज व खरबूज लगाने के पूर्व मिट्टी जांच द्वारा देख लें कि आपके खेत में बोरोन की कमी तो नहीं है। बोरोन फूल तथा फलों के बनने व उनके विकास के लिए महत्वपूर्ण तत्व है।
समस्या- अरबी की फसल लेना चाहता हूं। सलाह दीजिये।
– गौरीशंकर मुकाती, सीहोर
समाधान- इसके लिये गहरी उपजाऊ तथा अच्छे निकास वाली भूमि की आवश्यकता होती है। मिट्टी में पर्याप्त जैविक पदार्थ होना चाहिए। इसे जायद तथा खरीफ दोनों ऋतुओं में लिया जा सकता है।
– डोलियों 45 से.मी. की दूरी पर बनाये तथा 30 से.मी. दूरी पर कंदों की रोपाई 7-8 से.मी. गहराई पर करें। एक एकड़ में 3-4 क्विंटल कंदों की आवश्यकता होगी।
– प्रमुख जातियां श्री रश्मि, श्री पल्लवी, संतमुखी, सी-7 हैं। अधिकांश किसान स्थानीय जाति ही लगाते हैं।
– इसके लिए 80 क्विंटल गोबर खाद, 40 किलो नत्रजन, 25 किलो फास्फोरस तथा 40 किलो पोटाश प्रति एकड़ बोनी के पूर्व देना होगा। 40 किलो नत्रजन खड़ी फसल में एक-एक माह के अंतर से दें। आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहे। गर्मी की फसल में अधिक सिंचाई देनी होंगी। बीमारी के नियंत्रण के लिये बीज को वीटावैक्स 3 ग्राम प्रति किलो बीज से उपचारित कर लगाये, खड़ी फसल की पत्तियों पर झुलसा रोग के लक्षण दिखते ही मेन्कोजेब 800 ग्राम प्रति एकड़ के मान से छिड़काव करें।
समस्या – टमाटर की 18 किलो प्रति पौधा देने वाली जाति अर्का रक्षक के बारे में जानकारी दें।
– रामखिलावन, हरदा
समाधान – टमाटर की अर्का रक्षक जाति भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, हिसार, बैंगलोर द्वारा विकसित की गई है।
यह संकर जाति टमाटर की तीन प्रमुख बीमारियों पत्ती मोड़क वायरस, बैक्टीरियल विल्ट तथा अगेती झुलसा के प्रति प्रतिरोधी है।
– इसके फल गहरे लाल रंग के चौकोर गोल रहते है। पके फल का वजन 90-100 ग्राम रहता है। एक हेक्टर में इसकी उपज 750-800 क्विंटल तक आ जाती है। फल लम्बे समय (15-20 दिन) तक खराब नहीं होते हैं,
– कर्नाटक के देवस्थानंद होसावी ग्राम के किसान श्री चद्रअप्पा (मो.: 0944803878) ने अगस्त 2012 में यह जाति लगाकर एक पौधे में 18 किलो तथा एक एकड़ में 780 क्विंटल टमाटर की फसल ली इस कारण यह जाति चर्चा में आई। इसके बाद 2013 में इस जाति के एक पौधे से 19 किलो तक उपज ली गई।
समस्या – नींबू जति के पौधों में फूल झड़ जाते है, क्या करें।
– मनिकलाल, शाजापुर
समाधान – नींबू तथा इस जाति के अन्य पौधों में फूल यदि अपोषित तो उनके झडऩे की संभावना अधिक रहती है। यदि पौधे मेें क्षमता से अधिक फूल लगे हो तो वे प्राकृतिक रूप से छड़ जाते हैं। फूल में निषेचन क्रिया नहीं हो पाई हो तब भी फूल झड़ जाते हैं। फूल आते समय यदि पौधों को अधिक पानी दे दिया जाय तो भी फूलों के झड़ऩे की संभावना रहती है।
फूल आते समय तापक्रम के अधिक उतार-चढ़ाव से भी फूल झड़ते हैं। इसकी रोकथाम के लिये मिट्टी में नमी एक समान बनाये रखें। 2-4 डी को हारमोन के रूप में उपयोग करने से भी फूल-फल का झडऩा रुक जाता है। इसके लिए 2-4 डी के 8 पी.पी.एम (250 लीटर पानी में 2 ग्राम) की छिड़काव करें।

समस्या – आम का पुराना बगीचा है, कतारों के बीच की खाली जमीन पर क्या कोई फसल ली जा सकती है, कृपया बतायें।
– करण सिंह, दमोह
समाधान – फल वृक्षों के बीच में खाली पड़ी जमीन का सद्उपयोग प्राय: सभी कृषक करते हैं आपने अपने आम का पुराना बगीचा लिखा है, हो सकता है पुराने पेड़ घनी शाखाओं वाले हों जिनके कारण दो कतारों के बीच पर्याप्त प्रकाश नहीं आ पाता हो ऐसी स्थिति में खाली जगह के उपयोग के लिये कम ऊंचाई वाली कंदीय/जड़ फसलें ही ली जा सकती है। जैसे अदरक/हल्दी इत्यादि। अभी मौसम जायद का शुरू होने वाला है तो इस क्षेत्र में मूंग/उड़द भी जायद में अच्छी हो सकती है। आम इन्हें भी लगाकर पड़ती भूमि का उपयोग कर सकते हैं। आपने दो कतारों के बीच का फासला यदि लिखा होता तो प्रति उत्तर और भी उपयोगी होता है।

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