Farmer Success Story (किसानों की सफलता की कहानी)

ग्रो प्लस ने सरसों की उपज दूनी की

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13 सितम्बर 2022, भिंड ग्रो प्लस ने सरसों की उपज दूनी की – मैं उपेन्द्र सिंह नरवरिया ग्राम प्रतापरा तहसील मेहगांव जिला भिंड से हूँ। गत वर्ष मैंने 25 बीघा में सरसों की फसल लगाई थी। मैं सरसों और गेहूं की फसल तो हर साल लगाता हूँ। इस वर्ष बदलाव की राह पर चल कर मैंने डीएपी के विकल्प के रूप में ग्रो प्लस का प्रयोग किया। पहले हम डीएपी का उपयोग ही करते थे। इस बार डीलर ने जानकारी दी कि डीएपी के स्थान पर ग्रो प्लस उपयोग करें, इसमें बोरोन, कैल्शियम और अन्य पौषक तत्व हैं। इसी के साथ ग्वालियर के कृषि वैज्ञानिकों की अनुशंसा के साथ जबलपुर कृषि विश्वविद्यालय के प्रयोग परिणामों से प्रभावित हो कर मैंने सरसों में ग्रो प्लस डालने का निश्चय किया।

प्रयोग के बाद परिणाम उत्साहवर्धक रहे। फसल की बढ़वार बहुत शानदार रही, पत्तियां भी बड़ी-बड़ी निकलीं और फूलों का पीलापन और चमक अलग थी। उत्पादन जहाँ 1 बीघे में 4 क्विंटल होता था, वो बढक़र 6 क्विंटल पहुँच गया। इस प्रकार उत्पादन में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। सरसों की इस फसल में ग्रो प्लस इस्तेमाल करने के बाद मेरा उत्साह इतना बढ़ गया है कि इसके बाद मैंने 20 बीघा में मूंग लगाया और उसमें भी केवल ग्रो प्लस ही इस्तेमाल किया। मैं अपने सभी किसान साथियों को यह संदेश देना चाहता हूँ कि आप एक बार ग्रो प्लस जरूर इस्तेमाल कर देखें। यदि आपको कोई शंका लग रही है है तो कम से कम 1 बीघे में जरूर ग्रो प्लस प्रयोग करें। ग्रो प्लस के उपयोग और डीएपी के प्रयोग, दोनों के परिणामों में जो अंतर आएगा, उसके आधार पर आप निर्णय करें। मैं फैसला कर चूका हूँ कि अब मैं ग्रो प्लस का प्रयोग हर फसल में करूंगा

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