सोयाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह (9-15 जून 2025)
09 जून 2025, इंदौर: सोयाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह (9-15 जून 2025) – भाकृअप – राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर द्वारा सोयाबीन कृषकों के लिए इस सप्ताह उपयोगी सलाह दी गई है। सोया कृषकों को सलाह है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में मानसून के आगमन होने तथा न्यूनतम 100 मिमी. वर्षा होने पर
सोयाबीन की बोवनी करें। उत्पादन में स्थिरता की दृष्टि से कृपया निम्नलिखित सस्य क्रियाओं के अनुपालन की सलाह है।
अ. खेत की तैयारी, बोनी पूर्व सस्य क्रियाएं एवं आदान व्यवस्था –

1 – खेत की तैयारी: मानसून के आगमन पश्चात कल्टीवेटर एवं पाटा चलाकर खेत को बोनी योग्य तैयार करें।
2 – किस्मों का चयन: अपने जलवायु क्षेत्र के लिए अनुकूल विभिन्न समय अवधि में पकने वाली न्यूनतम 2-३ नोटिफाइड सोयाबीन की किस्मों का चयन कर बीज उपलब्धता सुनिश्चित करें। (मध्य प्रदेश/मालवा के ऐसे किसान जो सोयाबीन के बाद आलू, प्याज, लहसुन जैसी फसल लेकर
गेहूं/चना लगाते हो, सोयाबीन की शीघ्र समयावधि वाली किस्म को लगाये. उसी प्रकार वर्ष में केवल दो फसलें लेने वाले कृषक मध्यम/अधिक समय परिपक्वता अवधि वाली किस्मों का चयन करें )।
3 – बीज की गुणवत्ता जांच: अंकुरण परीक्षण के माध्यम से सोयाबीन की बोवनी हेतु उपलब्ध बीज का न्यूनतम 70% अंकुरण सुनिश्चित करें।
4 – आदान व्यवस्था: सोयाबीन की खेती के लिए आवश्यक आदान (बीज, खाद-उर्वरक, फफूंद नाशक, खरपतवार नाशक, जैविक कल्चर आदि की जानकारी परिशिष्ट अ. में दी गई हैं.) का क्रय एवं उपलब्धता सुनिश्चित करें।
5 – कार्बनिक खाद का प्रयोग: पोषण प्रबंधन के लिए, अंतिम बखरनी से पूर्व गोबर की खाद (5-10 टन/हे) या मुर्गी की खाद (2.5 टन/हे) को
खेत में फैलाकर अच्छी तरह मिला दे।
ब.सोयाबीन की बोवनी: बीज दर, पौधों/कतारों की दूरी, बोवनी यंत्रों का उपयोग
6 -सोयाबीन की बोवनी के लिए उपयुक्त समय: मानसून के आगमन के पश्चात न्यूनतम 100 मिमी. वर्षा होने पर ही सोयाबीन कि बोवनी करें जिससे उगी हुई फसल को सूखा/कम नमी के कारण किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हों।
7 – कतारों/पौधों की दूरी , गहराई एवं बीज दर,: देश के विभिन्न जलवायु क्षेत्रों के लिए अनुशंसित बोवनी की तिथियां, बीज दर तथा उर्वरकों की मात्रा सम्बंधित जानकारी परिशिष्ट अ में दी जा रही हैं. जबकि, मध्य क्षेत्र विशेषकर मध्य प्रदेश के सोया कृषकों को सलाह हैं कि वे कृपया बोवनी के समय निम्न सस्य क्रियाओं का अनुपालन करे।
सोया किस्म का प्रकार/सस्य क्रिया Growth Habit of variety/ Agronomic Practice | शीघ्र पक्नेवाली/सीधी बढवार वाली सोया किस्में Errect Type/ Early variety | मध्यम समयावधी/फैलने वाली किस्में Spreading/Medium duration |
कतारों की दुरी row spacing | 30 सेमी/cm | 45 सेमी/cm |
पौधों की दूरी plant spacing | 3-5 सेमी.cm | 5-10 सेमी/cm. |
बीज दर seed rate* | 80-90 किग्रा/हे (kg/ha) | 65-70 किग्रा/हे kg/ha. |
बीज की गहराई sowing depth | 2-3 सेमी cm. | 2-3 सेमी cm. |
बोवनी की पद्धति Sowing method | बी.बी.एफ./रिज-फरों/रेज बेड/परंपरागत सीड ड्रिल द्वारा Using BBF/FIRB/Raised Bed method | |
पोषक तत्व/उर्वरकों का प्रयोग Application of Nutrients/fertilizer sources | 25:60:40:20 एनःपीःकेःएस (कि.ग्रा./हे.) NPKS (kg/ha) 1. यूरिया 56 कि.ग्रा. + 375-400 कि.ग्रा. सिंगल सुपर फॉस्फेट व 67 किग्रा म्यूरेट ऑफ़ पोटाश अथवा 2. डी.ए.पी 125 किग्रा. + 67 किग्रा म्यूरेट ऑफ़ पोटाश+ 25 किग्रा/ हे बेन्टोनेट सल्फर अथवा 3. मिश्रित उर्वरक 12:32:16 @200 किग्रा + 25 किग्रा/ हे बेन्टोनेट सल्फर 4. आवश्यकताअनुसार 25 kg जिंक सलफेट (Zinc Sulphate) +50 kg आयरन सल्फेट (Iron Sulphate) |
* न्यूनतम 70% अंकुरण के आधार पर (depending upon 70% seed germination)
कतारों की दूरी 30 सेमी/cm 45 सेमी/cm
पौधों की दूरी 3-5 सेमी.cm 5-10 सेमी/cm.
बीज दर 80-90 किग्रा/हे (kg/ha) 65-70 किग्रा/हे kg/ha.
बीज की गहराई 2-3 सेमी cm. 2-3 सेमी cm.
बोनी की पद्धति – बी.बी.एफ./रिज-फरो/रेज बेड/परंपरागत सीड ड्रिल द्वारा
पोषक तत्व/उर्वरकों का प्रयोग
25:60:40:20 एनःपीःकेःएस (किग्रा./हे.)
1. यूरिया 56 किग्रा. + 375-400 किग्रा. सिंगल सुपर फॉस्फेट व 67 किग्रा म्यूरेट ऑफ़ पोटाश अथवा
2. डी.ए.पी 125 किग्रा. + 67 किग्रा म्यूरेट ऑफ़ पोटाश+ 25 किग्रा/
हे बेन्टोनेट सल्फर अथवा
3. मिश्रित उर्वरक 12:32:16 @200 किग्रा + 25 किग्रा/ हे बेन्टोनेट
सल्फर
4. आवश्यकता अनुसार 25 किग्रा जिंक सल्फेट +50 किग्रा आयरन सल्फेट – (न्यूनतम 70% अंकुरण के आधार पर )।
8 – विगत कुछ वर्षों से फसल में सूखा , अतिवृष्टि या असामयिक वर्षा जैसी घटनाएं देखी जा रही हैं. ऐसी विपरीत परिस्थितियों में फसल को बचाने हेतु सलाह है कि सोयाबीन की बोवनी के लिए बी.बी.एफ (चौड़ी क्यारी प्रणाली) या (रिज-फरो पद्धति) कुड-मेड- प्रणाली का चयन करें तथा सम्बंधित यन्त्र या उपकरणों का प्रबंध करें।
9 – फफूंदनाशक एवं कीटनाशक से बीजोपचार: सोयाबीन फसल की प्रारंभिक अवस्था में रोग तथा कीटो से बचाव के साथ-साथ उपयुक्त पौध संख्या सुनिश्चित करने हेतु सोयाबीन में बीजोपचार अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए अनुशंसा है कि बीज को अनुशंसित पूर्वमिश्रित फफूंदनाशक एज़ोक्सीस्ट्रोबिन 2.5%+ थायोफिनेट मिथाईल 11.25%+ थायामिथोक्साम 25% एफ. एस. (१० मि.ली./कि.ग्रा. बीज) से उपचारित करें। अन्य विकल्प के रूप में अनुशंसित फफूंदनाशक पेनफ्लूफेऩ़ +ट्रायफ्लोक्सिस्ट्रोबीन 38 एफ.एस. (0.8-1 मि.ली./कि.ग्रा. बीज)
अथवा कार्बोक्सिन 37.5%+थाइरम 37.5% (3 ग्राम/ /किग्रा.. बीज) अथवा कार्बेन्डाजिम 25%+ मेन्कोजेब 50% डब्ल्यू.एस. (3 ग्रा./किग्रा. बीज) से उपचारित कर थोड़ी देर छाया में सुखाएं। तत्पश्चात अनुशंसित कीटनाशक थायामिथोक्सम 30 एफ.एस. 10 मि.ली /कि.ग्रा. बीज) अथवा इमिडाक्लोप्रिड (1.25 मि.ली./किग्रा. बीज )से भी उपचारित करें।
10 – जैविक कल्चर से टीकाकरण: सोयाबीन की बोवनी करते समय बीज को जैविक कल्चर ब्रेडीरायबियम + पी.एस.एम प्रत्येकी 5 ग्राम/किग्रा. बीज कि दर से करे. कृषक गण रासायनिक फफूंद नाशक के स्थान पर जैविक फफूंदनाशक ट्राइकोडर्मा ( 10 ग्राम/किग्रा बीज) का भी उपयोग कर सकते है जिसको जैविक कल्चर के साथ मिलकर प्रयोग किया जा सकता हैं. (बीजोपचार एवं टीकाकरण में निश्चित क्रम (फफूंद नाशक-कीटनाशक-जैविक कल्चर का अनुपालन करें)।
11 – खरपतवारनाशी का प्रयोग: कृषक गण अपनी सुविधा के अनुसार अनुशंसित बोवनी के तुरंत बाद उपयोगी खरपतवार नाशकों में से
किसी एक का प्रयोग खरपतवार नियंत्रण हेतु कर सकते हैं (तालिका 4) . कृषकों को सलाह है कि खरपतवारनाशकों के उपयोग
हेतु पर्याप्त पानी (नेपसेक स्प्रेयर से प्रति हेक्टेयर 450-500 लीटर जबकि पॉवर स्प्रेयर से 120 लीटर/हे.) का उपयोग करें।
तालिका-1 देश के विभिन्न क्षेत्रों के लिए सोयाबीन बोवनी का उपयुक्त समय Zone-wise Optimum Time of Sowing, seed rate and spacing for soybean
क्षेत्र Zone | उचित बुआई का समय* Optimum Time of Sowing | बीज दर Seed Rate (kg/ha (कि.ग्रा./हे) | कतारों की दूरी (सेमी.) Row Spacing cm |
मध्य (Central) | जून June 20-5 जुलाई/July | 65 | 45 |
उत्तर पूर्वी पहाड़ी (North-East Hill) | 15-30 जून/June | 55 | 45 |
उत्तर मैदानी (Northern Plain) | जून June 20-5 जुलाई/July | 65 | 45 |
पूर्वी (Eastern) | 15-30 जून/June | 55 | 45 |
दक्षिण (Southern) | 15-30 जून/June | 65 | 30 |
*मानसून के आगमन पश्चात 100 मिमी. वर्षा होने पर
तालिका-2 विभिन्न क्षेत्रों के लिए पोषक तत्वों की मात्रा एवं उनके स्त्रोत Table 2: Recommended dose of fertilizer for different zones
क्षेत्र Zone | एनःपीःकेःएस (कि.ग्रा./हे.) NPKS (kg/ha) | उर्वरकों के स्त्रोत एवं मात्रा Fertilizer Sources and Quantity |
मध्य (Central) | 25:60:40:20 | 56 कि. ग्रा युरिया, 375 कि. ग्रा. सुपर फास्फेट एवं 67 कि. ग्रा. म्युरेट ऑफ पोटाश |
दक्षिण (Southern) | 25:80:20:30 | 56 कि. ग्रा युरिया, 500 कि. ग्रा. सुपर फास्फेट एवं 34 कि.ग्रा. म्युरेट ऑफ पोटाश |
उत्तर मैदानी (Northern Plain) | 25:75:25:37.5 | 56 कि. ग्रा युरिया, 470 कि. ग्रा. सुपर फास्फेट एवं 42 कि. ग्रा. म्युरेट ऑफ पोटाश |
उत्तर पूर्वी पहाड़ी क्षेत्र एवं पूर्वी क्षेत्र (North-East Hill) and Eastern Zone | 25:100:50:50 | 56 कि. ग्रा युरिया, 625 कि. ग्रा. सुपर फास्फेट एवं 84 कि. ग्रा. म्युरेट ऑफ पोटाश |
सोयाबीन की फसल में अनुशंसित खरपतवारनाशक Recommended PPPI and Pre-emergence Herbicides in Soybaen (as per the list of CIB released on 31.03.2025)
क्रं. | खरपतवारनाशक का प्रकार Type of Herbicide | रासायनिक नाम Technical Ingredient | मात्रा/हेक्टे. Dose/he |
1 | बौवनी पूर्व उपयोगी (पीपीआई) PPI Herbicides | डायक्लोसुलम+ पेण्डीमिथालीन (22.5 + 875 सक्रीय तत्व/ha) Diclosulam 0.9% + Pendimethalin 35% SE (22.5 + 875 a.i./ha) | 2.5 l ली. |
पेण्डीमिथालीन+इमेझेथापायर | 2.5-3.0 ली. | ||
फ्लूक्लोरलिन Fluchloralin 45% EC | 2.22-3.33 ली. | ||
2 | बौवनी के तुरन्त बाद (पीई) PE Herbicides | डायक्लोसुलम+ पेण्डीमिथालीन (22.5 + 875 सक्रीय तत्व/ha) Diclosulam 0.9% + Pendimethalin 35% SE | 2.5 ली. |
डायक्लोसुलम 84 डब्ल्यू.डी.जी. Diclosulam 84% WDG | 26 ग्राम | ||
सल्फेन्ट्राझोन 39.6 एस.सी. Sulfentrazone 39.6% w/w SC | 0.75 ली. | ||
क्लोमोझोन 50 ई.सी. Clomazone 50% EC | 1.50 – 2.00 ली. | ||
पेण्डीमिथालीन 30 ई.सी. Pendimethalin 30% EC | 2.50-3.30 ली. | ||
पेण्डीमिथालीन 38.7 सी.एस. Pendimethalin 38.7% CS | 1.50-1.75 कि.ग्रा. | ||
फ्लूमिआक्साझिन 50 एस.सी. Flumioxazin 50% SC | 0.25 ली. | ||
मेट्रीब्युझिन 70 डब्ल्यू.पी. Metribuzin 70% WP | 0.75-1.00 कि.ग्रा. | ||
सल्फेन्ट्राझोन+क्लोमोझोन Sulfentrazone 28% + Clomazone 30% WP | 1.25 ली. | ||
पायरोक्सासल्फोन 85 डब्ल्यू.जी. Pyroxasulfone 85% w/w WG | 150 ग्रा. | ||
मेटालोक्लोर 50 ई.सी.Metalochlor 50 EC | 2.00 ली. |
सोयाबीन में विभिन्न रोगों के नियंत्रण हेतु अनुशंसित रसायन एवं उपयोग की विधिया Recommended fungicide/insecticides for seed treatment in Soybean (as per the list of CIB released on 31.03.2025)
उपचार विधि एवं रसायन (Method/Chemical | मात्रा Dose | रोग Disease |
अ. बौवनी के समय बीजोपचार | ||
एज़ोक्सीस्ट्रोबिन 2.5%+ थायोफिनेट मिथाईल 11.25%+ थायामेथोक्साम 25% एफ. एस. Azoxystrobin 2.5% + Thiophanate Methyl 11.25% + Thiamethoxam 25% FS | 10 मि.ली./कि.ग्रा. बीज | चारकोल रॉट, एन्थ्रेक्नोज एवं बड ब्लाईट, कॉलर रॉट, रूट रॉट, पर्पल सीड स्ट्रेन, फ्राग आई लिफ स्पॉट, नवजात पौध सडन जैसे बीज जनित रोग Charcoal Rot, Anthracnose, Bud Blight, Collar Rot, Root Rot, Purple Seed Strain, Frog Eye Leaf Spot, seedling rot and seed borne diseases |
पेनफ्लूफेऩ़+ट्रायफ्लोक्सिस्ट्रोबीन FS Penflufen 13.28% w/w + Trifloxystrobin 13.28% w/w FS | 0.8-1 मि.ली./कि.ग्रा. बीज | |
कार्बोक्सिन 37.5%+थायरम 37.5% Carboxin37.5%+ Thiram37.5%WS | 3 ग्रा./कि.ग्रा. बीज | |
कार्बेन्डाजिम 25%+ मेन्कोजेब 50% डब्ल्यू.एस. Carbendazim + Mancozeb WP | 3 ग्रा./कि.ग्रा. बीज | |
फ्लुक्सापय्रोक्साड Fluxapyroxad 333 g/l SC | 1 मि.ली./कि.ग्रा. बीज |
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