इस वर्ष समर्थन मूल्य पर नहीं होगी जायद मूंग की खरीदी
मूंग उत्पादक किसानों की आंदोलन की तैयारी
07 जून 2025, इंदौर: इस वर्ष समर्थन मूल्य पर नहीं होगी जायद मूंग की खरीदी – मप्र में चालू जायद वर्ष 2025 में लगभग 11 लाख 59 हज़ार हेक्टेयर में मूंग की फसल लेने का लक्ष्य रखा गया है । राज्य के प्रमुख जायद मूंग उत्पादक जिलों नर्मदापुरम, हरदा, विदिशा,रायसेन और सीहोर में इन दिनों मूंग की कटाई जारी है। ग्रीष्मकालीन मूंग में खरपतवार नाशक के उपयोग से लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता देख मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मंशा को देखते हुए कृषि विभाग ने जायद मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए केंद्र को प्रस्ताव ही नहीं भेजा है, इसलिए इस वर्ष जायद मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीदी नहीं हो पाएगी । इंदौर संभाग की समीक्षा के बाद कृषि उत्पादन आयुक्त श्री अशोक वर्णवाल ने भी स्पष्ट कर दिया कि इस साल मूंग की सरकारी खरीदी नहीं होगी। इससे मूंग उत्पादक किसान नाराज हैं और वे आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि राज्य में सबसे अधिक जायद मूंग की फसल लेने वाला जिला नर्मदापुरम है , जहां ढाई लाख हेक्टेयर में मूंग की फसल ली जा रही है , वहीं रायसेन जिले में डेढ़ लाख हेक्टेयर में तथा हरदा जिले में 1.46 लाख हेक्टेयर में मूंग लेने का लक्ष्य है। वर्तमान में जायद मूंग उत्पादक प्रमुख जिलों में कहीं मूंग की कटाई हो गई है, तो कहीं जारी है। जल्द ही जायद का मूंग बाज़ार में आ जाएगा , लेकिन अभी तक जायद मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीदी की घोषणा नहीं हुई है, क्योंकि कृषि विभाग ने केंद्र को अभी तक प्रस्ताव ही नहीं भेजा गया है, इसलिए जायद मूंग की समर्थन मूल्य पर अब खरीदी होना संदिग्ध है। इससे मूंग उत्पादक किसान नाराज हैं , क्योंकि वर्तमान में मंडियों में मूंग का औसत भाव 6 -7 हज़ार रु / क्विंटल चल रहा है, जबकि केंद्र सरकार ने इस वर्ष मूंग का समर्थन मूल्य 8768 रु / क्विंटल तय किया है, जो गत वर्ष से 86 रु /क्विंटल ज़्यादा है, लेकिन इसका लाभ मूंग उत्पादक किसानों को नहीं मिलने से आक्रोशित किसान अब आंदोलन की ओर अग्रसर हैं।
इस संबंध में कृषक जगत ने जायद मूंग उत्पादक जिलों के कुछ किसानों से चर्चा की। हरदा जिले के ग्राम जिनवान्या के श्री करण पटेल ने कहा कि क्षेत्र में जायद मूंग की 70 % कटाई हो गई है। किसानों को आगामी खरीफ में सोयाबीन की बोनी करनी है , इसलिए मूंग की कटाई में लगे हुए हैं। मप्र सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर जायद मूंग की खरीदी की घोषणा नहीं करने से किसानों को 1000- 1500 रु / क्विंटल का नुकसान होगा। जबकि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती है। यह तो विरोधाभासी स्थिति है। मूंग की एमएसपी पर खरीदी नहीं करने के विरोध में किसानों द्वारा हरदा में आंदोलन की तैयारी है। देवास जिले के ग्राम खलगांव ( खातेगांव ) के श्री विकास अशोक गुर्जर ने कहा कि 4 एकड़ में जायद मूंग लगाया है। कटाई जारी है। लेकिन राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी की कोई पहल नहीं की जा रही है। यदि समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी नहीं होगी, तो किसानों को 1500 रु /क्विंटल का नुकसान होगा , क्योंकि फिलहाल मंडी में मूंग का भाव 6 – 7 हज़ार रु / क्विंटल का चल रहा है। नर्मदापुरम जिले के ग्राम घाटली (इटारसी ) के प्रगतिशील कृषक श्री शरद वर्मा का कहना था कि किसानों द्वारा मूंग की फलियां सूखने के बाद कुछ पत्तियां हरी रह जाती हैं उन पत्तियों को सूखाने के लिए नॉन सिस्टेमिक रासायनिक पैराक्वाट एवं ग्लाइफोसेट (सफाया) का उपयोग किया जाता है, जो पौधों की जड़ों में नहीं जाता है। यह तो सिर्फ पत्तियों को सूखाता है। इसका मूंग की फसल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इस बारे में कृषि वैज्ञानिकों को भी अपनी बात स्पष्ट करनी चाहिए। एक प्रमुख खरपतवार नाशक को ग्रीन लेवल कैसे दिया गया है ? यह विचारणीय है। जबकि ग्राम सोमलवाड़ा खुर्द (इटारसी ) के श्री संजय चिमानिया ने कहा कि सरकार को समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी करनी चाहिए , क्योंकि जायद में मूंग ही ऐसी फसल है जो कम समय में पककर किसानों को आर्थिक संबल देती है। वर्तमान में खेती का खर्च लगातार बढ़ रहा है। यदि किसान तीसरी फसल न लें तो उनका गुजारा होना मुश्किल है। किसान भी समाज का अंग है। उसकी जीवन शैली में भी बदलाव आया है। यदि सरकार एमएसपी पर मूंग नहीं खरीदेगी तो दलहन में आत्मनिर्भर कैसे बनेंगे ? विडंबना देखिए सरकार विदेशों से मूंग मंगा सकती है , लेकिन किसानों से एमएसपी पर मूंग नहीं खरीदती है। सरकार को अपनी नीतियों में बदलाव करने की ज़रूरत है। वहीं पांढुर्ना प्रतिनिधि श्री उमेश खोड़े को पांढुर्ना तहसील के ग्राम धावड़ीखापा के श्री विनय डिगरसे,सौंसर तहसील के ग्राम बानाबाकोड़ा के श्री संदीप बेड़े और गौरव भोवालु ने बताया कि 1 -3 एकड़ में जायद में मूंग लगाए थे , जिनका क्रमशः 6 और 18 -18 क्विंटल उत्पादन मिला , लेकिन सरकार द्वारा एमएसपी पर मूंग खरीदी नहीं किए जाने से निराश हैं। इन किसानों का कहना है कि मूंग की लागत भी नहीं निकल पा रही है, क्योंकि यहां व्यापारियों द्वारा 4500 रु क्विंटल/ की दर से मूंग की खरीदी की जा रही है। सरकार को जायद मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीदी करनी चाहिए।
उधर , इंदौर संभाग की रबी की समीक्षा और खरीफ की तैयारियों के संबंध में गत बुधवार को इंदौर आए अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त श्री अशोक वर्णवाल ने बैठक के बाद पत्रकार वार्ता में कृषक जगत के मूंग की सरकारी खरीदी के सवाल पर स्पष्ट कहा कि सरकार ने तो पहले ही बता दिया था कि इस बार मूंग की सरकारी खरीदी नहीं होगी। इस बारे में सभी जगह मुख्यमंत्री जी के भी बयान थे,क्योंकि जो मूंग है उसमें जो खरपतवार नाशक वो डाल रहे हैं, उसके कारण काफी परेशानी का सबब बन रहा है।
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