राज्य कृषि समाचार (State News)फसल की खेती (Crop Cultivation)

राजस्थान: मूंगफली की फसल पर रोगों का प्रकोप, कृषि विशेषज्ञों ने बताए बचाव के 4 असरदार उपाय

13 जुलाई 2025, इंदौर: राजस्थान: मूंगफली की फसल पर रोगों का प्रकोप, कृषि विशेषज्ञों ने बताए बचाव के 4 असरदार उपाय – राजस्थान के अजमेर जिले में इन दिनों मूंगफली की फसल पर टिक्का रोग, पीलिया और सफेद लट जैसे कीटों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इससे किसानों की फसलें मुरझा रही हैं और उत्पादन पर असर पड़ रहा है। इसको लेकर कृषि विभाग के उप निदेशक (शस्य) मनोज कुमार शर्मा ने किसानों को सतर्क रहने और समय रहते उपचार करने की सलाह दी है और बचाव के आसान और कारगर उपाय बताए हैं।

टिक्का रोग से ऐसे करें बचाव

अगर मूंगफली की पत्तियों पर मटमैले भूरे रंग के धब्बे नजर आएं, तो यह टिक्का रोग का लक्षण हो सकता है। इस रोग से बचने के लिए शुरुआत में ही दवा का छिड़काव करना जरूरी है। इसके लिए किसी एक रसायन को चुनें- जैसे 0.5 ग्राम कार्बेन्डाजिम, 1 मिली हैक्साकोनाजोल (5% EC), 1 मिली प्रोपिकोनाजोल (25% EC) या 1 मिली टेबुकोनाजोल (5% WG) और उसे 1 लीटर पानी में अच्छी तरह घोल लें।

इसके अलावा, अगर आप चाहें तो मैन्कोजेब 1.5 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से घोल तैयार कर सकते हैं। यह घोल तैयार करने के बाद पूरे खेत में छिड़काव करें। छिड़काव दो बार करना चाहिए- पहली बार रोग के लक्षण दिखने पर और दूसरी बार 10 से 15 दिन बाद, ताकि टिक्का रोग दोबारा न फैले। इस उपाय से फसल को नुकसान से बचाया जा सकता है।

कॉलर रॉट से ऐसे बचाव करें

कृषि अनुसंधान अधिकारी (पौध व्याधि) डॉ. जितेन्द्र शर्मा ने बताया कि कॉलर रॉट से प्रभावित पौधों की जड़ और तने के मिलन बिंदु पर काली फफूंदी दिखती है। इससे बचाव के लिए हैक्साकोनाजोल या प्रोपीकोनाजोल की 1.5 मिली मात्रा प्रति लीटर पानी में घोलकर मृदातल सिंचाई (ड्रेंचिंग) करें।

सफेद लट के नियंत्रण के उपाय

कृषि अनुसंधान अधिकारी (कीट) डॉ. कमलेश चौधरी ने बताया कि सफेद लट से बचाव के लिए:
1. 4 लीटर क्यूनालफॉस (25 EC) या
2. 300 मिली इमिडाक्लोप्रिड (17.8 SL) को सिंचाई के पानी के साथ दें या
3. रसायन को 80–100 किलो सूखी मिट्टी या बजरी में मिलाकर पौधों के आसपास डालें।
4. इसके बाद हल्की सिंचाई करें ताकि कीटनाशक जड़ों तक पहुंच सके।

पीलिया रोग से ऐसे करें बचाव

1. 5 ग्राम हरा कसीस (फेरस सल्फेट) + 2.5 ग्राम चूना को एक लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें या
2. 0.1% गंधक अम्ल का घोल तैयार कर फूल आने से पहले और बाद में दो बार छिड़काव करें।
3. सावधानी के तौर पर थोड़ी मात्रा में साबुन या स्टिकर जरूर मिलाएं ताकि असर बढ़ सके।

कृषकों को विभागीय सलाह

उप निदेशक मनोज कुमार शर्मा ने किसानों से अपील की है कि वे दवाओं का उपयोग करते समय दस्ताने, मास्क और पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें, ताकि स्वास्थ्य को नुकसान न हो। उन्होंने कहा कि सही समय पर उपचार से मूंगफली की फसल को बचाया जा सकता है।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements