बरसात में भी लें बेहतरीन अमरूद की फसल, IARI के विशेषज्ञों ने बताए तीन कारगर उपाय
26 जून 2025, नई दिल्ली: बरसात में भी लें बेहतरीन अमरूद की फसल, IARI के विशेषज्ञों ने बताए तीन कारगर उपाय – बरसात का मौसम आते ही अमरूद की फसल में हरियाली तो दिखती है, लेकिन किसानों के सामने सबसे बड़ी चुनौती बनती है फल मक्खी, खराब गुणवत्ता और कीट संक्रमण की। इन्हीं समस्याओं के समाधान के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के विशेषज्ञों ने किसानों को तीन बेहद सरल लेकिन प्रभावशाली उपाय बताए हैं, जिससे वे न केवल कीटों से फसल को बचा सकते हैं, बल्कि गुणवत्ता युक्त अमरूद भी प्राप्त कर सकते हैं।
IARI के तीन सुझाव: बरसात में अमरूद की फसल को बनाएं लाभकारी
अमरूद में दो तरह की फसलें ली जाती हैं – बरसात की और सर्दियों की। IARI के अनुसार, लगभग 95% किसान बरसात की फसल लेते हैं, जबकि गुणवत्ता की दृष्टि से सर्दियों की फसल बेहतर मानी जाती है। लेकिन बरसात की फसल भी यदि सही तकनीक से की जाए तो वह भी किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है।
1. थिनिंग (फल छंटाई) करें समय पर
अमरूद के एक शाखा में आमतौर पर तीन फल विकसित होते हैं। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि किनारे के दो फलों को हटा दिया जाए, ताकि बीच का एक फल बेहतर आकार और स्वाद प्राप्त कर सके। इससे पेड़ पर भार कम होगा और पौष्टिक तत्वों का सही वितरण होगा।
2. बैगिंग (थैली चढ़ाना) अपनाएं
फल मक्खी और अन्य कीटों से बचाव के लिए फल पर पेपर या कपड़े की थैली चढ़ाना अत्यंत उपयोगी होता है। इससे कीट फल की सतह तक नहीं पहुंच पाते और फल पूरी तरह सुरक्षित रहता है। इसके साथ ही थैली लगाने से फल की चमक, साइज और गुणवत्ता भी सुधरती है।
3. फेरोमोन ट्रैप से करें कीट नियंत्रण
बरसात के मौसम में फल मक्खी सबसे बड़ी समस्या बनती है। IARI के विशेषज्ञों ने बताया कि मिथाइल यूजेनॉल फेरोमोन, स्पाइनोशेड कीटनाशी और इथेनॉल से तैयार घोल में लकड़ी के टुकड़े (गत्ते) को कम से कम 72 घंटे डुबोकर रखें। इन ट्रैप्स को खेत में प्रति एकड़ 15 से 20 की संख्या में लगाएं।
हर 20 से 25 दिन में इन ट्रैप्स को बदलना भी जरूरी होता है। इससे कीटों को आकर्षित करके नष्ट किया जा सकता है, बिना किसी रासायनिक स्प्रे के।
“यदि किसान भाई थिनिंग, बैगिंग और फेरोमोन ट्रैप—इन तीनों उपायों को समय पर और सही तरीके से अपनाएं तो बरसात में भी उन्हें बेहतरीन क्वालिटी के अमरूद मिल सकते हैं,” IARI विशेषज्ञ ने बताया।
अमरूद ऐसी फसल है जिसे लोग कच्चे और पके दोनों रूपों में खाते हैं, इसलिए इसमें रसायनों का अधिक उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसे में IARI के ये उपाय कम लागत, कम रसायन और बेहतर उपज के लिए बेहद उपयोगी साबित हो रहे हैं।
सर्दियों की फसल भी हो सकती है बेहतर
IARI विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि यदि किसान बरसात की फसल में इन उपायों को अपनाते हैं, तो उनका पेड़ मजबूत रहता है, जिससे बाद में सर्दियों की फसल की संभावनाएं भी बेहतर हो जाती हैं।
IARI द्वारा सुझाए गए ये तीन उपाय – थिनिंग, बैगिंग और फेरोमोन ट्रैप – अमरूद की बरसात की फसल में क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं। जो किसान कम लागत में उच्च गुणवत्ता वाली फसल लेना चाहते हैं, उनके लिए यह समय है इन तकनीकों को अपनाने का।
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