फसल की खेती (Crop Cultivation)

अरहर के कीट एवं रोग

  • जितेन्द्र सिंह , मुकेश सहगल
    भाकृअनुप राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबंधन अनुसंधान केन्द्र, पूसा परिसर, नई दिल्ली
    समेकित नाशीजीव प्रबंधन (आईपीएम)

9 अगस्त 2022,  अरहर के कीट एवं रोग – बुवाई से पहले

  • moth

    गर्मियों में भूमि की गहरी जुताई करें जिससे भूमि के अन्दर उपस्थित कीटों के कोषकों व रोग जनित बीजाणु नष्ट हो सकें।

  • बीज को ट्राइकोडर्मा व राइजोबियम से उपचारित कर बुवाई करें।
बुवाई समय
  • प्रादेशीय संस्तुत बहुरोग व कीट प्रतिरोधी प्रजातियों के बीजों के साथ समय से तथा पंक्ति वध (उत्तर-पश्चिम) बुवाई करें।
  • उपयुक्त फसल चक्र के साथ ही खेती करें। ज्वार, मक्का या अरहर आदि के साथ अंत फसल पद्धति से खेती करें।
  • मित्र कीटों के संरक्षण के लिए सूरजमुखी, बाजरा, ज्वार, सोयाबीन तथा कपास के साथ अंत: फसल लें।
  • फली छेदक के समुचित निगरानी के लिए किनारों पर गेंदा की फसल उगाएं।
  • संतुलित व संस्तुत मात्रा में खाद व पानी का उपयोग करें।

    peagonpea-mosiac

वनस्पति और पुष्पीकरण के समय
  • हानिकारक कीटों व पादप रोगों की सही जानकारी के लिए तथा उन्हें समय से नियंत्रण करने के लिए खेती का समय-समय पर निरीक्षण करें।
  • खेतों में फेरोमेन ट्रैप 5/हे. की दर से लगाएं। 4-5 व्यस्क पतंग प्रतिदिन आने या एक सुंडी प्रति पौधे मिलने पर संस्तुत कीटनाशकों का छिडक़ाव करें।
  • रात के समय खेतों में प्रकाश प्रपंच या पैट्रोमेक्स लैम्प लगाकर वयस्क कीटों को आसानी से नष्ट किया जा सकता है तथा एफिड के लिए पीले चिपचिपे ट्रैप का उपयोग कर कीट को नियंत्रित किया जा सकता है।
  • फसल में उपस्थित रोगग्रस्त पौधों, कीटों के अंडों तथा सुंडियों से लदे पौधों को नष्ट कर दें।
  • ब्लीस्टर भृंग तथा इसके जैसे अन्य कीटों तथा बग्स को सुबह के समय किसी छड़ी आदि नष्ट किया जा सकता है।
  • कीट पक्षी पक्षियों जैसे घरेलू चिडिय़ा (गोरैया), जंगली कबूतर, ड्रोगो आदि के बैठने के लिए ञ्ज आकार की खूंटियां (अंडे) 20-25 प्रति हे. की दर से खेत में लगाएं। सभी प्रकार के कीटों की संख्या आर्थिक क्षति स्थिति तक पहुंचने पर संस्तुत कीटनाशकों का प्रयोग करें।
  • सर्वप्रथम जैविक-कीटनाशकों जैसे-बीटी, एनपीवी ट्राइकोडर्मा/ स्यूडोमोनास, नीम आधारित कीटनाशक एवं कम विषैले कीटनाशकों का उपयोग करें तथा भण्डारण के समय कीटनाशकों का उपयोग कम से कम व आपात स्थिति में ही करें।
  • फली के पकने व सूखने के तुरन्त बाद फसल की कटाई कर लें।
  • भण्डारण करते समय भण्डारण के ऊपर व तली में नीम की पत्तियों तथा बीज के साथ कुछ अक्रिय पदार्थ जैसे- नीम बीज पूर्ण, चूना, रेत आदि मिला दें।
  • परभक्षी कीट जैसे (Preying mantid) व ड्रैगन फ्लाई एवं कीटभक्षी पक्षी जैसे-घरेलू चिडिय़ा (गोरैया), जंगली कबूतर, ड्रोन्गो व अन्य कीटभक्षी पंक्षियों का संरक्षण करें।
Advertisements
Advertisement3
Advertisement

महत्वपूर्ण खबर:सोयाबीन मंडी रेट (09 अगस्त 2022 के अनुसार)

Advertisement
Advertisement
Advertisements
Advertisement5
Advertisement