सोयाबीन की जल्दी पकने वाली एनआरसी किस्में
14 सितम्बर 2021, इंदौर। सोयाबीन की जल्दी पकने वाली एनआरसी किस्में – डॉ. विनीत कुमार, प्रधान वैज्ञानिक ने संस्थान द्वारा विकसित सोयाबीन की विशिष्ट किस्मों की आवश्यकता, पौष्टिक गुण एवं सोयाबीन युक्त खाद्य पदार्थ बनाने योग्य किस्मों सम्बंधित विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सोयाबीन के खाद्य उपयोग बढ़ाने में आ रही दो प्रमुख बाधाओं (अपौष्टिक कुनित्ज ट्रिप्सिन इन्हिबिटर एवं सोयाबीन के खाद्य पदार्थों में आने वाली सोयाबीन की अवांछित गंध) को दूर करने की दिशा में संस्थान द्वारा क्रियान्वित वैज्ञानिक शोध एवं विकास कार्यक्रमों के अंतर्गत भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान द्वारा देश में सबसे पहले सोयाबीन में मौजूद अपौष्टिक कुनित्ज ट्रिप्सिन इन्हिबिटर मुक्त किस्म ‘एन.आर.सी. 127’ के विकास में सफलता प्राप्त की है, जिसको वर्ष 2020 के दौरान भारत सरकार द्वारा अधिसूचित किया गया है। औसतन 103 दिनों में पकने वाली यह सोयाबीन किस्म सूखा एवं अधिक वर्षा की प्रतिकूल स्थिति में सामना करने के साथ-साथ सोयाबीन के प्रमुख कीट एवं रोगों के लिए प्रतिरोधी है।
एनआरसी 142
डॉ. विनीत कुमार ने कहा कि इस संस्थान द्वारा हाल ही में ऐसी एक किस्म ‘एन.आर.सी. 142’ का विकास किया है जिसमें दोनों बाधाओं का समाधान किया गया है। यह किस्म सोयाबीन की विशिष्ट गंध के लिए कारक ‘लायपोक्सीजिनेज-2 अम्ल से मुक्त’ होने के अतिरिक्त अपौष्टिक कुनित्ज ट्रिप्सिन इन्हिबिटर से भी मुक्त है।
एनआरसी 147
भारत सरकार द्वारा इसी वर्ष अधिसूचित 95 दिनों की समयावधि में पककर औसतन 2 टन/हेक्टेयर उत्पादन क्षमता वाली इस किस्म में पीला मोजेक एवं चारकोल रॉट जैसी बीमारियों के लिए प्रतिरोधी गुण हैं। विशिष्ट किस्मों के विकास की श्रृंखला में इस वेबिनार के दौरान डॉ. विनीत कुमार ने एक अन्य किस्म ‘एन.आर.सी. 147’ की भी जानकारी दी जिसमें ओलिक अम्ल की मात्रा अत्यधिक है। ज्ञात हो कि इस अम्ल की अधिकता से सोयाबीन के खाद्य तेल को बगैर गुणवत्ता में कमी के अधिक दिनों तक उपयोग किया जा सकता है। सोयाबीन की अन्य किस्मों में उपलब्ध 23 प्रतिशत की तुलना में इस किस्म में 43-45 प्रतिशत तक ओलिक अम्ल पाया गया है, जो कि सोया आधारित उद्योग जगत के लिए अति-उपयुक्त गुण है। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सविता कोल्हे द्वारा किया गया।
ऑनलाइन ज़ूम प्लेटफार्म के साथ-साथ संस्थान के यूट्यूब चैनल पर एक साथ प्रसारित इस वेबिनार में कृषक, वैज्ञानिक, उद्योग जगत एवं कृषि से जुड़े कुल 750 प्रतिभागियों ने इस परिचर्चा में भाग लिया।
सर हमे NRC 127 वैरायटी की जरूरत है. मे झालावाड राजस्थान का रहने वाला हू मुझे इस किस्म का बीज काहा उपलब्ध हो सकता है. बताने की कृपा करे thanks
NRC 127 mil sakti h kya mujhe chaiye sir ji
Government organization jab bhi kishan ko seminar ayojon karta he usme hm bhi invite hona chatate h