फसल की खेती (Crop Cultivation)

एक हेक्टेयर में 35 क्विंटल उपज देने वाली सोयाबीन किस्म एमएयूएस 162

22 सितम्बर 2021, इंदौर । एक हेक्टेयर में 35 क्विंटल उपज देने वाली सोयाबीन किस्म एमएयूएस 162 – महाराष्ट्र में सोयाबीन किस्म फुले संगम (केडीएस -726) और एमएयूएस-162, ज्यादा बोई जाती है। इस संबंध में महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले के एक उन्नत किसान ने सोयाबीन किस्म एमएयूएस-162 पर अपने विचार कृषक जगत से साझा किए। उन्होंने बताया कि इस किस्म से एक हेक्टेयर में 35 क्विंटल उत्पादन लिया जा सकता है। इसकी ऊंचाई करीब साढ़े पांच फीट होने से लागत खर्च तो बढ़ा ही, स्प्रे करने में भी परेशानी आई। यह किसान फसल चक्र में परिवर्तन कर हर दो साल गन्ने की फसल लेने के बाद तीसरे वर्ष सोयाबीन लगाते हैं।
एक हेक्टेयर में 35 क्विंटल उपज देने वाली सोयाबीन किस्म एमएयूएस 162-1कृषक जगत से हुई बातचीत में ग्राम परिवर्धा तहसील शहादा जिला नंदुरबार (महाराष्ट्र) के उन्नत किसान श्री एकनाथ आर पाटिल ने कहा कि उन्होंने गत वर्ष 6 एकड़ में सोयाबीन किस्म -एमएयूएस-162 लगाई थी। इसकी ऊंचाई करीब साढ़े पांच फ़ीट होने से खाद भी ज्यादा लगा और 25 प्रतिशत फलियों में दाना भी बड़ा नहीं हुआ। हालाँकि फलियों की संख्या बहुत अच्छी थी। सोयाबीन की ऊंचाई अधिक होने के कारण मजदूरों को स्प्रे करने में भी बहुत परेशानी आई। अधिक बारिश के कारण फसल आड़ी पड़ गई थी। इसलिए उत्पादन प्रभावित हुआ था। इनके यहां कुल 76 क्विंटल सोयाबीन का उत्पादन हुआ, जो औसत 12.66 क्विंटल/एकड़ रहा। वैसे इसका वास्तविक उत्पादन 35-36 क्विंटल/हेक्टेयर होता है, न कि 55 क्विंटल। इस बारे में सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी दी जा रही है।

श्री पाटिल ने कहा कि सोयाबीन किस्म -एमएयूएस-162 मराठवाड़ा कृषि विद्यापीठ, परभणी की है, जिसका बीज माँझलगांव से मंगवाया था। वहां संगठित किसानों का समूह है, जो इसके 30-30 किलो के बेग किसानों को उपलब्ध करवाता है। जालना, बीड़ आदि जगहों पर इस किस्म को बड़े पैमाने पर लगाया जाता है। इस वर्ष भी इसी किस्म को हमारे क्षेत्र में बड़े रकबे में लगाया गया है, लेकिन इस वर्ष बारिश 15 जुलाई से शुरू हुई, इसलिए सोयाबीन में अभी फूल आ रहे हैं। 15 अक्टूबर के बाद कटाई शुरू होगी। बता दें कि श्री पाटिल हर दो साल गन्ने की फसल लेने के बाद तीसरे वर्ष सोयाबीन बोते हैं। पिछले वर्ष इन्होंने सोयाबीन लगाई थी। इस वर्ष 20 एकड़ में गन्ना लगाया है। इसकी फसल दो साल लेंगे।

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