फसल की खेती (Crop Cultivation)

जानिए धान के ‘मूर्ख अंकुर’ रोग के बारे में जिसे बकाने रोग भी कहा जाता है

7 जून 2022, नई दिल्ली । जानिए धान के ‘मूर्ख अंकुर’ रोग के बारे में जिसे बकाने रोग भी कहा जाता है जापानी भाषा में ‘बकाने’ शब्द का अर्थ मूर्खता है। बकाने रोग धान की फसल का एक रोग है जिसमें पौधा बहुत लंबा हो जाता है, बांझ हो जाता है, खाली कलियाँ निकल्ति हैं, कोई दाना नहीं होता है और रंग पीला होता है। पौधा अपने वजन का समर्थन करने में भी असमर्थ होता हैं जिसके कारण वे गिर जाते हैं और मर जाते हैं। यह रोग सबसे पहले जापान में 1828 में पाया गया था और इसलिए इसका नाम बकाने दिया गया है ।

यह रोग एक कवक (फंगस) ‘गिब्बरेला फुजिकुरोई’ के कारण होता है जो पौधे में उच्च मात्रा में जिबरेलिक एसिड पैदा करता है। यह एक वृद्धि हार्मोन के रूप में कार्य करता है जो अतिवृद्धि का कारण बनता है। इस रोग के अधिक प्रकोप से उपज में 20% से 50% प्रतिशत तक की हानि हो सकती है। भारत में इसका प्रभाव कम है और उपज को लगभग 5% से भी कम नुकसान होता है।

यह मिट्टी जनित और बीज जनित रोग है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे बुवाई से पहले बीज का उपचार करें ताकि इससे और अन्य बीमारियों से बचा जा सके।

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