खरीफ उत्पादन कम रहने की संभावना
खरीफ उत्पादन परिदृश्य, नीति निर्माताओं के लिए चुनौती
(नई दिल्ली कार्यालय)
21 सितम्बर 2022, खरीफ उत्पादन कम रहने की संभावना – खरीफ 2022-23 में प्रमुख फसलों का उत्पादन पिछले साल के स्तर से थोड़ा नीचे और सरकार द्वारा इस खरीफ सीजन के निर्धारित लक्ष्य से काफी नीचे रहने की संभावना है।
पूर्वी भारत (यूपी, बिहार, गंगीय पश्चिम बंगाल और झारखंड) के प्रमुख उत्पादक राज्यों में कम क्षेत्र कवरेज और वर्षा की कमी को देखते हुए चावल का उत्पादन पिछले साल के 111.8 मिलियन टन से घटकर मौजूदा सीजन में 100-102 मिलियन टन होने की उम्मीद है। सरकार द्वारा कम उत्पादन की इस सम्भावना पर ध्यान दिया है और हाल ही में गैर-बासमती चावल निर्यात पर निर्यात शुल्क के रूप में प्रतिबंध लगाया है।
दलहन
दलहन की फसल भी पिछले खरीफ के 8.4 मिलियन टन से थोड़ा कम होगी, लेकिन मौजूदा सीजन के 10.5 मिलियन टन के लक्ष्य से काफी कम है। विशेषज्ञों ने कहा कि 30 लाख टन दालों का आयात अपरिहार्य होगा।
कपास
370 लाख कपास गांठ के उत्पादन लक्ष्य की तुलना में कपास का उत्पादन 335-345 लाख गांठ के दायरे में होगा, जो पिछले साल के मौसम प्रभावित उत्पादन 312 लाख गांठों की तुलना में मामूली वृद्धि है। थोड़े अधिक उत्पादन के बावजूद, मांग में प्रत्याशित वृद्धि के कारण कपड़ा उद्योग के लिए कपास की उपलब्धता सीमित रहने की उम्मीद है।
तिलहन
तिलहन उत्पादन 21.5-22.5 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष के 23.9 मिलियन टन से कम है और 26.9 मिलियन टन के लक्ष्य से बहुत कम है।
कुल मिलाकर कपास को छोडक़र प्रमुख फसलों का फसल उत्पादन पिछले साल की तुलना में कम रहने का अनुमान है। सितंबर और उसके बाद के मौसम के जोखिमों की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है। इन सबका असर प्रमुख फसलों की उपलब्धता, कीमतों और निर्यात/आयात व्यापार पर पड़ेगा। नीति निर्माताओं के लिए इस खरीफ परिदृश्य पर ध्यान देने और उचित उपाय करने का समय आ गया है।
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