फसल की खेती (Crop Cultivation)

मूंग बोने के लिए खेत की तैयारी कैसे करे

10 अप्रैल 2024, भोपाल: मूंग बोने के लिए खेत की तैयारी कैसे करे – मूंग बोने के लिए क्यारी की तैयारी उचित रूप से की जाये तो बीजों का अंकुरण और फसल का जमाव भली प्रकार से होता है। 2-3 जुताई के बाद यदि सुहागा फेर दिया जाये तो बोये जाने वाली क्यारी खरपतवार और ढ़ेलों से मुक्त हो जाती है। ग्रीष्म ऋतु में पूर्व की फसल की कटाई के बाद जुताई और बुआई से पूर्व एक सिंचाई अवश्य कर दें। ग्रीष्मकालीन मूँग गेहूँ की कटाई के बाद बिना जुताई के भी बोयी जा सकती है। यदि खेत में गेहूँ के अवशेष न हों तो जीरो टिल ड्रिल से बुआई की जा सकती है। यदि गेहूँ की कटाई के तुरन्त बाद ही ग्रीष्मकालीन मूँग की बुवाई करनी हो तो गेहूँ के अवशेषों की उपस्थिति में भी हैप्पी सीडर द्वारा बुआई की जा सकती है। जीरो टिलेज द्वारा समय, ऊर्जा और धन तीनों ही बचाये जा सकते है। रेतीली मिट्टी में जिसमें दीमक के प्रकोप की सामान्यत: संभावना रहती है वहाँ पर प्रक्षेत्र तैयारी के अन्तिम सरण में 5 प्रतिशत कार्बारिल चूर्ण मिलाया जाना चाहिये। कीटों के प्रकोप को कम करने के लिये मिट्टी में फोरेट ओरॉल्डीकर्ब 10 किग्रा प्रति हेक्टेअयर की दर से मिला देनी चाहिये। मध्यम से भारी मृदा में ग्रीष्म कालीन मूँग की बुआई बेड प्लंाटर से पहले से तैयार क्यारी में 67.5 सेमी की दूरी पर करनी चाहिये। (37.5 सेमी. बेड टॉप, 30 सेमी. फरो)। प्रत्येक क्यारी में दो पंक्तियों में मूँग की बुआई करनी चाहिये पंक्तियों के बीच की दूरी 20 सेमी. रखें। बीज एवं उर्वरक की दर और अन्य सभी बुआई फसल से सम्बन्धित कार्य उसी प्रकार करें जैसे कि समतल भूमि में बुआई के लिये करते हैं। सिंचाई कूंडों में करें व ध्यान रहे कि क्यारियों में अत्यधिक पानी न भरने पाये। ऐसा करने से समतल बुआई की तुलना में लगभग 20-30 प्रतिशत अधिक उपज ली जा सकती है।

फसल ज्यामिती व बीज दर- बीजों को 4-5 सेमी. की गहराई में बोना चाहिए। मूँग में बीज अंकुरण की दर सामान्यत: 75-80 प्रतिशत होती है अत: सिंचित अवस्था में 4,00,000 पौधों की संख्या प्रति हेक्टेयर प्राप्त करने की अनुशंसा की जाती है। जिसके लिए बसन्त/ग्रीष्म मूँग की फसल के लिये 20-30 किग्रा बीज प्रति हेक्टेयर पर्याप्त होता है।

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