नीम कीटनाशक आज की आवश्यकता
- अनुप्रिया कुलचनिया
डॉ. रजनी सिंह सासोड़े , प्रथम कुमार सिंह
आई.टी.एम. यूनीवर्सिटी, ग्वालियर - डॉ. प्रद्युम्न सिंह
राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर
13 सितम्बर 2022, भोपाल । नीम कीटनाशक आज की आवश्यकता –
रसायनिक कीटनाशक के दो बड़े नुकसान – इससे किसानों को फसलों से कीट हटाने में थोड़ी बहुत मदद तो मिल जाती है, लेकिन ये कीट उनकी मिट्टी की उर्वरक क्षमता को कम कर देते हैं। ये किसानों के लिए लंबे समय के लिए सही नहीं होता है, क्योंकि मिट्टी से उर्वरक क्षमता धीरे-धीरे कम हो जाती है और जमीन बंजर बन जाती है, बंजर जमीन में किसानों के लिए खेती करना बेहद मुश्किल का काम होता है। इतना ही नहीं, रसायनिक कीटनाशकों के इस्तेमाल से अनाज, सब्जी और फल हमारी सेहत पर भी बहुत बुरा असर डालते हैं।
सरकार दे रही जैविक कीटनाशकों को बढ़ावा
ऐसे में कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि किसानों को अपनी फसलों में जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल करें। इसलिए केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार भी किसानों को अपने-अपने स्तर पर जैविक कीटनाशकों के इस्तेमाल के लिए जागरूक कर रही है।
जैविक कीटनाशक बनाने का तरीका
नीम से कीटनाशक बनाने के लिए सबसे पहले किसानों को नीम के पत्ते को ठंडी जगह में सुखाकर रात भर पानी में डूबाकर रखें। इस पानी को आप पौधों पर छिडक़ दें। किसान चाहें, तो इस पानी के घोल को एक बार बनाकर इसका बार-बार भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए किसान भाईयों को बड़े बर्तन में पानी के साथ नीम की ढेर सारी पत्ती, निंबोली और छाछ मिलाकर तब तक रखना होगा, जब तक इसका रंग बदल नहीं जाता है। फिर इसका इस्तेमाल किसान अपने फसलों में कर सकते हैं। किसान और बेहतर परिणाम के लिए इस घोल में कुछ मात्रा में गोमूत्र और पिसा लहसुन भी मिला सकते हैं।
नीम कीटनाशकों का करें इस्तेमाल
ऐसे में कृषि विशेषज्ञ किसानों को अपने खेत में नीम के पत्ते, नीम की खली और नीम के तेल के इस्तेमाल से बने कीटनाशकों का प्रयोग करने की सलाह देते हैं। इसके इस्तेमाल से फसलों में कीट नहीं लगेंगे, जिससे फसलों का पैदावार कई गुना ज्यादा और शुद्ध होगा, ये शुद्ध अनाज हमारे सेहत के लिए बहुत लाभकारी होगा।
छेदक कीट और मधवा कीट से भी बचायेगा नीम
इसके अलावा बैंगन जैसे पौधों पर तना छेदक कीट बहुत नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में बैंगन के पौधों पर नीम के तेल का स्प्रे कर दें। इससे कीटों का प्रकोप कम हो जाता है। इसी तरह आम के पौधों में मंजर को मधवा कीट हानि पहुंचाते हैं, इसलिए 8 से 10 गज के बीच में 2 फेरोमेन ट्रैप को रख दें, ताकि उसमें मधवा कीट आकर्षित होकर फंस जाएं और मर जाएं।
नीम कीटनाशक के इस्तेमाल से किसानों का खर्च होगा कम
एक अनुमान के मुताबिक, अगर किसान नीम से कीटनाशक तैयार करते हैं, तो उन्हें काफी लाभ मिलेगा। बता दें कि अगर किसान 1 हेक्टेयर खेत में रासायनिक कीटनाशक का छिडक़ाव करते हैं, तो उनका कम से कम एक हजार रुपये खर्च होता है। अगर वो खुद घर में नीम के इस्तेमाल से कीटनाशक तैयार करते हैं तो इसका खर्च कम आयेगा, क्योंकि नीम आसानी से मिल जाता है। ऐसे में फसलों से उत्पादन डबल होगा।
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