फसल की खेती (Crop Cultivation)

नीम के तेल से बनाये घरेलू जैविक कीटनाशक, फसल में डालने पर होंगे ये फायदे

11 अगस्त 2023, नई दिल्ली: नीम के तेल से बनाये घरेलू जैविक कीटनाशक, फसल में डालने पर होंगे ये फायदे – नीम भारतीय मूल का एक ऐसा वृक्ष हैं, जो भारत में बहुतायत रूप से पाया जाता हैं। आयुर्वेद में नीम को बहुत ही उपयोगी पेड़ माना गया हैं। नीम स्वाद में तो कड़वा होता हैं, लेकिन इसके फायदे अनेक और बहुत प्रभावशाली होते हैं। नीम का तेल सभी फसलों में कीड़ों को नियंत्रित करने की क्षमता रखता हैं। किसान आसानी से नीम की निम्बोली से नीम के तेल का घरेलू उत्पादन कर सकते हैं।

इसके बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए हैं पूसा संस्थान के विशेषज्ञ डॉ. सुप्रदीप शाहा ने बताया कि नीम बोलते ही हमें नीम के पत्तों की याद आती हैं जिससे हम कीड़े मकोड़ो को नियंत्रित करते हैं। लेकिन नीम की निम्बोली इससे ज्यादा असरदार होती हैं। इसमें बहुत सारे उपकारी उपाधान होते हैं जो पौधों में लगने वाले कीट एंव रोगों को मारता हैं, जैसे सुंडी को पत्ती खाने से रोकता हैं।

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घरेलू उपचार में हम अगर नीम के तेल की बात करे तो इससे हम बहुत सारे कीटो को नियंत्रित करते है, लेकिन कई बार ऐसा होता हैं कि नीम की अच्छी क्वालिटी का तेल नही मिल पाता हैं और जो मिलता है वो कीटों पर इतना असरदार नहीं होता हैं। ऐसे में किसान नीम के बीज या निम्बोली से जैविक कीटनाशक तैयार कर सकते हैं। गर्मी के मौसम में नीम के पेड़ से निम्बोंली गिरने लगती, जिन्हे किसान इकट्ठा करके सुखा ले  इससे हम जैविक कीटनाशक तैयार कर सकते हैं।

जैविक कीटनाशक तैयार करने के लिए आवश्यक सामग्री

इस जैविक कीटनाशक को बनाने के लिए आपको जो उपाधान चाहिए होगा, वो हैं- 5 किलो निम्बोली, 20 लीटर गुनगुना पानी, 200 मिली लीटर तरल डिटर्जेंट और सूती कपड़ा छानने के लिए। इस प्रक्रिया में हमको एक चीज ध्यान रखना होगा अगर आपको इस कीटनाशक को फसल में स्प्रे करना हैं तो छिड़काव से एक दिन पहले नीम के तेल को बनान की तैयारी कर लें।

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इसको बनाने के लिए सबसे पहले निम्बोली का पाउडर बना लें। इसमें अब गुनगुना पानी मिलाकर अच्छे से मिला लें। इसको मिलाने के बाद इस घोल को रात भर के लिए ऐसे ही रख दें। अगर आप इस घोल को रात में बीच-बीच में हिला पाये तो यह और भी ज्यादा बेहतर होगा। अगले दिन सुबह इस घोल को सूती के कपड़े से छान लें। अब इस घोल में तरल डिटर्जेंट डालकर इसे अच्छी तरह से मिला लें। इसके बाद यह घोल बनकर तैयार हो जायेगा।

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इस घोल को हम और 80 लीटर पानी में मिला सकते हैं। जिससे 100 लीटर स्प्रे सॉल्यूशन तैयार हो जायेगा। जिसे किसान फसलों में स्प्रे कर सकते हैं। इसको बनाने के समय कुछ बातें ध्यान रखनी होंगी, जो इस प्रकार हैं।

इस घोल को हर बार ताजा तैयार करें।

इस घोल को धूप के नीचें न रखें।

यह जैविक कीटनाशक उपकारी कीड़े या मधुमक्खी को कोई हानि नहीं पहुंचाता हैं। यह जैविक कीटनाशक के छिड़काव के बाद भी अगर बचता हैं तो इस घोल को मिट्टी में अच्छी तरह से मिला ले तो फसलों को कीवे के आक्रमण से बचा सकते हैं। ये जैवासार के रूप में मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाता हैं।

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