कीटनाशक में GST कटौती पर CCFI की आपत्ति: घरेलू उद्योग का भविष्य खतरे में
27 जनवरी 2025, नई दिल्ली: कीटनाशक में GST कटौती पर CCFI की आपत्ति: घरेलू उद्योग का भविष्य खतरे में – क्रॉप केयर फेडरेशन ऑफ इंडिया (CCFI) ने कीटनाशकों पर मौजूदा 18% गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) दर में किसी भी कटौती का कड़ा विरोध किया है। संगठन का कहना है कि वर्तमान GST स्लैब बनाए रखना घरेलू उत्पादकों को संरक्षण देने, समान अवसर सुनिश्चित करने और सरकार के राजस्व घाटे को रोकने के लिए आवश्यक है।
वित्त मंत्री को लिखी चिट्ठी में जताई चिंता
GST काउंसिल की अध्यक्ष और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भेजे एक पत्र में CCFI के चेयरमैन दीपक शाह ने कहा, “GST दर में कटौती से उलटी शुल्क संरचना (inverted duty structure) बन जाएगी, जिससे भारतीय उत्पादकों पर नकारात्मक असर पड़ेगा। स्थानीय उत्पादक, जो गुणवत्ता वाले कीटनाशक बनाने में सक्षम हैं, आयात से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगे क्योंकि सभी कच्चे माल, कंटेनरों, मशीनरी और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE किट) पर 18% GST लगता है।”
दीपक शाह ने बताया कि वर्तमान में 90% से अधिक वस्तुओं और सेवाओं पर 18% GST लागू है, जिससे इनपुट टैक्स क्रेडिट की प्रक्रिया सुचारू रहती है और उलटी शुल्क संरचना से होने वाले विकृतियों से बचा जाता है। उन्होंने यह भी कहा, “आयातित कीटनाशकों पर GST दर 5% या उससे कम करने से आयातकों को अतिरिक्त लाभ मिलेगा, जो ‘मेक इन इंडिया’ पहल को कमजोर करेगा।”
घरेलू उद्योग और आयात पर संभावित प्रभाव
CCFI ने चेतावनी दी कि GST में कटौती से कीटनाशकों के आयात में भारी वृद्धि हो सकती है। 2022-23 में कीटनाशकों का आयात ₹14,315 करोड़ तक पहुंच गया, जिसमें चीन, जापान, इज़राइल, थाईलैंड, यूरोप और हांगकांग जैसे देशों से बड़ी मात्रा में आयात शामिल था। इनमें से कई आयातकों की क्षमता से अधिक थे और संभवतः पुनर्विक्रय के लिए लाए गए थे। आयात में यह वृद्धि घरेलू उत्पादकों के लिए चुनौती बन सकती है।
भारत के उत्पादक वर्तमान में 140 से अधिक देशों को कीटनाशकों का निर्यात करते हैं, जिनकी कीमत ₹43,224 करोड़ है, जो घरेलू खपत ₹36,000 करोड़ से अधिक है।
CCFI के वरिष्ठ सलाहकार हरीश मेहता ने कहा, “GST में कटौती या छूट देने से केंद्र और राज्य सरकारों को हर साल लगभग ₹4680 करोड़ का राजस्व नुकसान होगा। साथ ही, इससे कार्यशील पूंजी (working capital) पर भी असर पड़ेगा और कारोबार की लागत बढ़ेगी। अनुभव से यह भी साबित हुआ है कि व्यापारी अक्सर GST लाभ किसानों तक नहीं पहुंचाते, क्योंकि चालान आमतौर पर GST सहित शुद्ध दरों पर जारी किए जाते हैं।”
अन्य कृषि उत्पादों के साथ तुलना
CCFI ने कीटनाशकों की तुलना अन्य कृषि उत्पादों के साथ करते हुए बताया:
- बल्क उर्वरक और पानी में घुलनशील उर्वरक: 18% GST
- ट्रैक्टर और कृषि उपकरण: 18% GST
- माइक्रोन्यूट्रिएंट्स: 18% GST
- बीज: GST से मुक्त
फेडरेशन ने कहा कि उर्वरक और कृषि उपकरण जैसे उत्पादों पर किसानों को सब्सिडी दी जाती है, जबकि कीटनाशकों पर कोई सब्सिडी नहीं है। इसलिए, कीटनाशकों पर 18% GST दर उचित और तार्किक है।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में योगदान
दीपक शाह ने कहा, “हमारे सदस्य बेहतर गुणवत्ता वाले कीटनाशक 30-75% कम कीमत पर बनाते हैं, जो आयातित उत्पादों से सस्ते हैं। इससे विदेशी मुद्रा की बचत होती है और आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा मिलता है। हम सिफारिश करते हैं कि स्थानीय स्तर पर बने कीटनाशकों के लिए GST दरों को यथावत रखा जाए।”
क्रॉप केयर फेडरेशन ऑफ इंडिया घरेलू उत्पादकों को बचाने और कृषि रसायन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: